कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में माफियाराज कायम किया : सिंधिया

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में माफियाराज कायम किया : सिंधिया
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ग्वालियर। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए सभी सीटों पर चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया है। ग्वालियर -चंबल की 16 सीटों पर राज्यसभा ज्योतिरादित्य सिंधिया तूफानी ढंग से प्रचार में जुटे हुए है। ग्वालियर -चंबल के पांच दिनी दौरे पर आये ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भांडेर, डबरा और ग्वालियर के मंडल सम्मेलनों में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आमजनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में माफियाराज कायम कर दिया था। अवैध उत्खनन और तबादला उद्योग जोरों पर थे। बड़ा भाई और छोटा भाई मिलकर सरकार चलाते रहे और वल्लभ भवन में बोलियां लगती रहीं। ऐसी भ्रष्टाचारी और विनाशकारी सरकार को धूल चटाना सिंधिया परिवार का दायित्व था और इन लोगों को मैंने सड़क पर उतारकर छोड़ दिया है। जिस माटी की हम सौगंध खाते है, आपको उसी माटी की सौगंध है, इस चुनाव में इन भ्रष्टाचारियों, गद्दारों को बोरी बिस्तर बांधकर उनके घर भेज दें।

जनता की चिंता नहीं -

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ जब भी किसी जनसभा में जाते हैं तो रोते हुए अपने पाप पूछते हैं। पूछते हैं मेरा कसूर क्या था। लेकिन जब ये सरकार में थे, तो इन्होंने जनता की चिंता नहीं की, ये सिर्फ अपनी ही चिंता करते रहे। आने वाले चुनाव में जनता ही इनके पाप गिनायेगी। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिनों में कर्जमाफी की बात कही थी, 10 महीनों में भी नहीं की। उन्‍होंने कहा कि कई किसानों को फर्जी सर्टिफिकेट दे दिए गए। कांग्रेस ने कहा था कि कन्यादान योजना में 51000 रुपये देंगे, लेकिन किसी को यह राशि नहीं मिली। नौजवानों को प्रतिमाह 4 हजार रूपया बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही, लेकिन किसी नौजवान को यह भत्ता नहीं मिला। मैंने अतिथि शिक्षकों के मामले पर भी कांग्रेस सरकार को चेताया, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। सिंधिया ने कहा कि जो अपना वचन न निभा पाए वो सबसे बड़े गद्दार हैं।

सिंधिया ने शायराना अंदाज में दिया जवाब -

ज्योतिरादत्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस पार्टी उनपर गद्दार होने का आरोप लगा रहे है। सिंधिया ने कांग्रेस के इस आरोप का कजवाब शयराना अंदाज में देते हुए एक शायरी पढ़ी। उन्होंने कहा पत्तियां कुछ झड़ गईं हमसे गुलशन को सींचने में, वो इल्ज़ाम लगा रहें हमपर बेवफ़ाई का; गुलशन को रौंद डाला मगर जिसने अपने हाथों से, वोही दावा कर रहें इस चमन की रहनुमाई का।



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