सिंधिया परिवार की संपत्ति किसी से नहीं छीपी, जो नए राजा बने वह जवाब दें : सिंधिया
ग्वालियर।प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत के लिए सभी राजनीतिक दल पुरजोर प्रयास कर रहे है।उपचुनाव के इस माहौल में दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। कांग्रेस ने उपचुनाव का आगाज होते ही राज्यसभा सांसद सिंधिया को निशाने पर ले रखा है।कांग्रेस नेता सिंधिया पर भू-माफिया, एवं पार्टी छोड़ने के लिए गद्दार जैसे गंभीर आरोप लगा रहे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का मीडिया से चर्चा में जवाब दिया। उन्होंने भूमाफिया के आरोप पर कहा की सिंधिया परिवार की संपत्ति कितनी है,ये किसी से छीपी नहीं है,लेकिन जो लोग नए - नए राजा बने है,वह जवाब दें।
कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से गद्दारी की-
उन्होंने कांग्रेस द्वारा पार्टी छोड़ने पर गद्दारी का आरोप लगाने पर कहा की कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से गद्दारी की है। सत्ता में आने के बाद वचनपत्र में जनता से जो वादे किये थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया। यदि कोई भी सरकार जनता से वादा खिलाफी करेगी तो उसके खिलाफ सड़क पर उतरना हमारा धर्म है। मेरी दादी ने यही किया था, 1967 में जब डीपी मिश्रा की सरकार थी। आज जिस तरीके से प्रदेश में भ्रष्टाचारी और वादा खिलाफी का माहौल तैयार हुआ था। कांग्रेस के कुशासन में वचनपत्र के विरुद्ध जाकर जो कार्य हो रहे थे। ऐसे कुशासन वाली सरकार को हटाकर सुशासन वाली सरकार को स्थापित करने का ये निर्णय पूर्व विधायकों ने लिया है। ऐसा निर्णय लेना किसी के लिए भी आसान नहीं है। ये योद्धा है, जिन्होंने कुर्बानी दी है। आप इतिहास के पन्ने पलटकर देखिये अब तक कितने लोगों ने जनता के विकास, प्रगति के लिए अपने पद का त्याग किया है।
सिंधिया परिवार ने कुर्सी के लिए राजनीति नहीं की -
उन्होंने कहा की सिंधिया परिवार ने कभी भी अपने लिए व पद और कुर्सी के लिए कोई कदम नहीं उठाया। आप मेरी दादी बड़ी राजमाता साहब और पिता माधवराव की की जीवन शैली को देख सकते है। जब दादी विजयाराजे ने डीपी मिश्रा की सरकार गिराई। उस समय गोविन्द नारायण सिंह को सीएम बनाया था। वही पिता पर जब आरोप लगे तो उन्होंने अलग पार्टी बनाई। आज मैंने जब भ्रष्ट कांग्रेस को हराया तब शिवराज सिंह सीएम बने है।
मजबूत मध्यप्रदेश बनाना हमारा संकल्प -
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाये किसान संबंधी कानूनों का जिक्र करते हुए कहा की मैं किसान हितैषी कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने किसानों की प्रगति और विकास के द्वार खोले है। किसानों को भी अपनी फसल मनचाहे तरीके से बेचने की स्वतन्त्रता होनी चाहिए और समर्थन मूल्य की बात करें वह रहेगा। पिछले 6 साल में गेहूं पर 41 प्रतिशत, धान पर 45 प्रतिशत एवं दालों पर 63 प्रतिशत समर्थन मूल्य में वृद्धि हुई है। वही खरीदी की बात करें तो गेहूं खरीदी में 70 प्रतिशत, धान खरीदी में 80 प्रतिशत एवं दाल खरीदी में 5 हजार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं प्रदेश में किसान हितैषी शिवराज सरकार ने भी किसानों को लाभ देने के लिए पिछली सरकार द्वारा बंद योजनाओं को दोबारा शुरू किया। शिवराज सरकार ने फसल बीमा योजना की किश्त का भुगतान किया। किसानों को मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के 4 हजार रूपए जोड़े। जिससे किसानों को इस योजना के तहत 10 हजार रूपए मिल रहे है। शिवराज जी और हम प्रदेश के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है। एक मजबूत मध्यप्रदेश बनाना हमारा संकल्प है, हम इसे पूरा करेंगे।