राजसी पोशाक पहनकर देवघर पहुंचे सिंधिया, शाम को किया शमी पूजन

राजसी पोशाक पहनकर देवघर पहुंचे सिंधिया, शाम को किया शमी पूजन
X
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने घराने की 200 साल पुरानी परंपरा के अनुसार गोरखी स्थित देवघर में जाकर पूजा अर्चना की।

ग्वालियर। ग्वालियर में विजयादशमी पूजन के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने घराने की 200 साल पुरानी परंपरा के अनुसार गोरखी स्थित देवघर में जाकर पूजा अर्चना की। इसके बाद देर शाम मांढरे की माता मंदिर के पास स्थित मैदान में शमी के वृक्ष की पूजा की। मौके पर उनके बेटे आर्यमन भी राजसी पोशाक में, तो पत्नी प्रियदर्शनी राजे भी साथ नजर आए।


सोमवार को दशहरा के मौके पर दोपहर में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके सुपुत्र महाआर्यमन राजसी पोशाक पहनकर गोरखी देवघर पहुंचे। यहां उन्होंने राजसी पद चिन्हों का पूजन विधि-विधान से किया। इसके बाद वह शाम को मांढरे की माता मंदिर पहुंचे और यहां सामने मैदान पर शमी पूजन किया। यहां उन्होंने सिंधिया घराने की करीब 200 साल पुरानी परंपरा के आधार पर पूजन किया। इसके बाद शमी के वृक्ष की पूजा करने के बाद तलवार चलाई, जिससे (सोना) पत्तियां उडक़र जमीन पर गिरीं। जिनको सालों साल पुरानी परंपरा के अनुसार सिंधिया घराने के सरदारों के वशंजों ने लूटा। माना जाता है कि यह पत्तियां बहुत शुभ होती हैं। इसलिए विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष का पूजन करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसीलिए राजा-महाराजा भी राज्य और प्रजा की खुशहाली की कामना को लेकर पूजन करते थे। उल्लेखनीय है कि मराठा समाज में तिथि अनुसार सोमवार की दोपहर के बाद ही दशहरा मनाया जा रहा है और पूरे शहर में 24 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा।


Tags

Next Story