दुधारू गायों को रखते हैं सुरक्षित, बाकी को छोड़ देते हैं रोड पर, इससे भी बढ़ रही दिक्कत
ग्वालियर,न.सं.। शहर सहित गांवों के पशु पालक केवल दुधारू गायों को तबेले में रखते हैं। चारा न देना पड़े, इसके लिए बाकी को खुला छोड़ देते हैं। जब इनका पेट भर जाता है तो सडक़ पर विचरने लग जाते हैं। सडक़ों पर साफ-सुथरी जगह होने के कारण गाय-बैलों के झुंड आसानी से देखे जा सकते हैं। शहर की सडक़ों पर इन दिनों आवारा पशुओं के झुण्ड बड़ी संख्या में देखें जा सकते हैं ,यही नहीं अगर आप शहर से कुछ दूर हाइवे पर भी नजर डाले तो दिखेगा को सैकड़ों की संख्या में गाय भैंस आपकों सडक़ पर बैठे या फिर विचरण नजर आएगे।
शहर में अचानक मवेशियों की संख्या कैसे बढ़ गई है । शहर और आसपास के किसी भी कोने में चले जाएं, सडक़ों पर मवेशियों की भरमार दिखती है । फसलों को नुकसान पहुंचाने के कारण मवेशियों को गांव वाले शहर की तरफ छोड़ जाते हैं। ग्वालियर से डबरा की तरफ जाएं तो पता चलेगा कि अनगिनत गाय सडक़ों पर बैठी मिल जाएंगी ,यही हाल कुछ ग्वालियर से भिंड रोड पर नजर आता है । गोले का मंदिर में रहने वाले किसान अपने यहां पर भी भैंस पाले हुए हैं और दूध का व्यवसाय करते हैं ,उनकी माने तो शहर में जानवर की बढ़ती संख्या यहां के लोगों के जानवरों की तो है ही ,इसके अलावा आसपास के गांव वाले भी फसलें खराब न हो इसलिए वे अपने जानवरों को शहर के आसपास छोड़ आते है । गांवों में पहले की तरह अब चारागाह नहीं बचे। चरवाहे इन्हें चराने के लिए कहां ले जाएं। समस्या आने लगी तो वे अपने मवेशियों को खुले में छोडक़र खुद निश्चिंत हो जाते हैं।
हर मोहल्ले की सडक़ पर जमे हैं मवेशी -
शहर में सीवरेज के प्रभाव से छलनी हुई सडक़ें जहां कीचड़ और फिसलन पैदा कर रही हंै, वहीं शहर के विभिन्न स्थानों पर आवारा पशु लोगों की राह में परेशानी का सबब बन चुके हैं। कभी ये खुद हादसे के शिकार होते हैं तो कभी आम लोगों की दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके बाद भी इन्हें सडक़ों से दूर करने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसके लिए पशु पालक तो लापरवाह हंै ही, खुद को गायों का संरक्षक कहने कुछ संगठन के लोग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
रात में बैठे मवेशियों से ज्यादा खतरा
सडक़ पर विशेषकर रात में बैठे मवेशियों के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बाइक सवार की इन पर नजर नहीं पड़ती और वह टकराकर घायल हो जाते हैं। शहर में चौक चौराहे से लेकर गली मोहल्ले तक मवेशियों का जमघट रहता है। यह हालात पिछले कई महीनों से बने हैं। दिन हो रात कई रास्तों पर लोगों का दो और चार पहिया वाहन चलाना दुभर हो गया। इधर नगर निगम के अधिकारी बोल रहे है कि जल्द ही इन आवारा मवेशियों को पकड़ा जाएगा।
शहर के भीतर यहां पर सबसे ज्यादा मवेशी
महाराज बाड़ा, नई सडक़, कैलाश टॉकीज, हजीरा, फूलबाग, पड़ाव, थाटीपुर, मुरार, लक्ष्मीगंज, सिटी सेंटर, गोले का मंदिर, पिंटो पार्क, मुरार सब्जी मंडी, कुम्हरपुरा, गोल पहाडिय़ां, सहित विभिन्न गलियों में अवारा मवेशियों का जमावड़ा।
शहर के बाहर यहां पर सबसे ज्यादा -
भिंड रोड, मुरैना रोड, बड़ा गांव, पुरानी छावनी, सिथौली मार्ग।
मवेशी मालिकों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं -
लोगों द्वारा मवेशियों को आवारा छोड़े जाने से सडक़ों पर इनका कब्जा हो गया है। शहर के मुख्य मार्गों पर आवारा मवेशी घूम रहे है। इनके कारण कई बार सडक़ों पर जहां जाम लग जाता है वहीं वाहन चालक दुर्घटना के शिकार भी होते है। ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी नगर निगम प्रशासन को नहीं है। इसके बाद भी मवेशी मालिकों पर कार्रवाई किया जाना उचित नहीं समझा जा रहा है। इस विभागीय उदासीनता के कारण इनके हौसले बढ़ते जा रहे हैं।