ग्वालियर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने अपने ही पार्षदों पर उतारा गुस्सा
ग्वालियर । विपक्षी पार्षदों ने जिन बिंदुओं को लेकर अभियाचित बैठक बुलाई थी, उन बिंदुओं पर विपक्षी पार्षद बोलने से बचते नजर आए। विपक्ष के पार्षद चर्चा न करते हुए उल्टे सभापति से उलझते नजर आए। हालात ऐसे बने कि नेताप्रतिपक्ष भी अपने ही पार्षदों पर गुस्सा उतारते दिखाई दिए।
सोमवार को निगम परिषद जलबिहार परिषद में अभयाचित की 14वीं बैठक के आखिरी 04 बिंदुओं पर चर्चा होकर एजेंड़ा समाप्त कर दिया गया। बैठक शुरु होते ही सभापति ने मनोज तोमर ने विपक्ष के साथ सत्त्ता पक्ष के पार्षदों को 30-30 मिनट में चर्चा करने के लिए समय निर्धारित कर दिया। विपक्ष के बाद सत्ता पक्ष ने अपनी बात भी रखी, तभी नेताप्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा कि उन्हें भी बोलने दिया जाए, तो सभापति ने कहा कि पहले ही 30 मिनट में आपको अपनी बात रखना थी, सभापति ने कहा कि निगम एक्ट में किसी भी बिंदु पर चर्चा के लिए एक घंटे का समय निर्धारित है, जिसका पालन करवा रहा हूं। साथ ही आप नेता प्रतिपक्ष है, आप ही नियमों को नहीं मानेंगे, तो अन्य सदस्य कैसे पालन करेंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये हठधर्मिता है और इस तरह से निगम परषिद नहीं चलेगी। आप बोलने नहीं देकर मेरा अपमान कर रहे है। अब निगम में पूरे काम नियम से होंगे।बैठक शुरू होते ही डामरीकरण-सडक़ों के निर्माण की चर्चा पर भगवान सिंह कुशवाह ने कहा कि डामर की गुणवत्ता खराब है, इसीलिए हर दो महीने में रोड खराब हो रही है।
अपर्णा पाटिल ने कहा कि ठेकेदारों द्वारा 40 से 50 प्रतिशत बिलो टेंडर लेकर गुणवत्ताहीन सडक़े बनाना गंभीर है। 10 प्रतिशत से ज्यादा बिलो टेंडर वाले कार्यों की जांच होना चाहिए। सुरेश सौलंकी ने कहा कि एक साल पहले डाम की सडक़ बनी थी अब 9-9 इंच गहरे गड्डे हो गए है। जहां पर सडक़ डाली गई है उसकी जांंच के बाद ही ठेकेदार का भुगतान हो।
रेखा त्रिपाठी ने कहा कि एचएनएस कांटेक्टर द्वारा जो सडक़ बनाई जा रही है उसकी जांच होनी चाहिए। ब्रजेश श्रीवास ने कहा कि नारायण बिहार वाली सडक़ में गड्डे नहीं, गड्डों में सडक़ हो गई है, उस पर चलने से झूलने का आनन्द आता है। सभापति मनोज तोमर ने गुणवत्ता संधारण व समस्त कार्यों के लिए 5 सदस्यीय समिति गठन करने के लिए निगमायुक्त को अधिकृत किया।
नेताप्रतिपक्ष ने कहा आप बीच में नहीं बोलेंगे
बैठक में नेताप्रतिपक्ष हरिपाल लगभग अधिकत्तर पार्षदों पर झल्लाते नजर आए। बृजेश श्रीवास कुछ बोल रहे थे तभी नेेताप्रतिपक्ष ने चिल्लाते हुए कहा कि आप बीच में नहीं बोलेंगे। यही बातत पार्षद अपर्णा पाटिल से भी कही। चर्चा के दौरान सभापति ने नेताप्रतिक्ष से कहा कि आपके सदस्य ही आपके कंट्रोल में नहीं है। तो वह कुछ नहीं बोल पाए। बाद में पार्षद जितेन्द्र मुदगल ने सभापति से बोलने के लिए पांंच मिनट का समय मांगा, सभापति ने समय भी दिया, लेकिन फिर नेताप्रतिपक्ष ने बोलने से मना कर दिया।
लेखा पर नेताप्रतिपक्ष बोले जानकारी पटल पर मंगवाए
बिंदु क्रमांक 13 लेखा व चर्चा एवं निर्णय पर नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि बैलेंस शीट कब कब बनी है, इसकी जानकारी 15 दिन में दी जाए। जिस पर सभापति ने तोमर ने नगर निगम आयुक्त को निर्देशित किया कि सदस्यों ने चर्चा के दौरान जो भी जानकारी मांगी है वह 15 दिवस में सदन को बताएं।
मुक्तिधाम बहुत महत्वपूर्ण है, हम सबको यहीं जाना है
पार्षद देवेन्द्र राठौर ने कहा कि मुक्तिधाम सबसे महत्वपूर्ण जगह है यहां पर सभी को जाना है, लेकिन मुक्तिधामों की हालत सबसे खराब है। हाइमास्स्ट तक नहीं लगे है। नालों में गंदगी भरी पड़ी है। पार्षद भगवान कुशवाह ने कहा कि नालों पर भूमाफियों ने अतिक्रमण कर रखा है। मनोज यादव ने कहा कि ग्रामीण वार्डो के मुक्तिधामें में लाइटें ततक नहीं है। शहर की योजना का लाभ ग्रामीण के वार्डो में नहीं मिल रहा है।
धरोहरों को अमर रखने के लिए चिंता की जाए
पीआईयू सेल पर चर्चाकरते हुए पार्षद अपर्णा पाटिल ने कहाकि धरोहरों को अमर रखने के लिए थोड़ी चिंता की जाए। मोतीमहल स्थित म्यूजियम में 200 साल पुरानी पेटिंग पर इलेक्ट्रिक वायरिंग करने की अनदेखी, मार्केटिंग करने वाली फर्म को फायदा देने शर्तो की अनदेखी व सेल द्वारा पैसा ठिकाने लगाने की बाते कही गई। देवेन्द्र राठौर ने ग्राम आवास योजना के तहत स्वीकृत 120 फुट की रोड को 40 फुट में समेटने पर जांच की मांग की।सभापति ने कहा कि जो भी कमियां बताई हैं और जो भी कार्य किए जा रहे है, उनकी जानकारी निगमायुक्त को एक माह में सदन को देने के निर्देश दिए।
झलकियां
-पहले नेताप्रतिपक्ष व बाद में पार्षद बृजेश श्रीवास बाहर जाकर चर्चा करते नजर आए।
-नेताप्रतिपक्ष आंसदी के सामने चिल्ला-चिल्ला कर बात करते नजर आए।
-पार्षद अधिकारियों पर व्यक्तिगत आरोप लगाते नजर आए।
-महिला पार्षद पर्चियों पर लिखकर जो लाई वही सदन में बोलती नजर आई।