LNIPE मामला : छात्रा को आईसीयू में किया शिफ्ट, खेल मंत्रालय के आदेश पर जांच समिति गठित
File Photo - LNIPE University
ग्वालियर। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान में विषाक्त भोजन खाने से बीमार हुए विद्यार्थियों के मामले में जल्द जांच रिपोर्ट भेजने के लिए खाद्य विभाग द्वारा भोपाल पत्र लिखा गया है। इसी के चलते सम्भवत: एक सप्ताह में रिपोर्ट सामने आ सकती है। दरअसल एलएनआईपीई की मैस में 2 अक्टूबर की रात को विषाक्त भोजन खाने से संस्थान के करीब 200 बच्चे बीमार हुए थे, जिनमें से 3 अक्टूबर की रात को 125 से बच्चों को जयारोग्य चिकित्सालय में भर्ती करना पड़ा था।
उक्त मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम विनोद सिंह के नेतृतत्व में 4 अक्टूबर की सुबह खाद्य विभाग की टीम संस्थान के मैस में जांच करने पहुंची थी। टीम ने मैस से पनीर, दूध, आटा, मसाले, तेल, चावल, दाल, आरओ का पानी सहित कुल आठ खाद्य सामग्रियों के नमूने लिए। उक्त सभी नमूने जांच के लिए खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल को भेजे जा चुके हैं। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट जल्द मिल सके। इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा भोपाल एक पत्र लिखा गया है। पत्र के माध्यम से खाद्य विभाग ने जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की बात कही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट के लिए पत्र लिखा गया है। इसलिए एक सप्ताह में रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी, जिसके बाद स्पष्ट हो सकेगा कि बच्चों का स्वास्थ्य क्या खाने से बिगड़ा था।
छात्रा को किया आईसीयू में शिफ्ट, 11 की हुई छुट्टी
जयारोग्य अस्पताल में भर्ती 11 अन्य बच्चों की शनिवार को छुट्टी कर दी गई। जबकि एक छात्रा को बेचेनी होने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। जबकि चार बच्चे सामान्य वार्ड में भर्ती हैं। इसलिए अब जयारोग्य में एलएनआईपीई के कुल पाच बच्चे भर्ती हैं। उधर बच्चों को देखने के लिए एलएनआईपीई के कुलपति प्रो. जीडी घई संस्थान के चिकित्सकों के साथ पहुंचे और गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम व मेडिसिन की डॉ. सुषमा त्रिखा से चर्चा की। चिकित्सकों ने बताया कि जल्द ही सभी बच्चों की छुट्टी कर दी जाएगी।
कमेटी को नहीं मिली पनीर की एंट्री
खेल मंत्रालय के अधिकारियों के निर्देश के बाद संस्थान द्वारा सात सदस्यों की कमेटी जांच के लिए गठित की गई थी। इसलिए जब कमेटी ने मैस में क्रय किए गए सामान की जांच के लिए रजिस्टर देखे तो उसमें पनीर की एंट्री ही नहीं मिली। जिसको लेकर स्पष्ट है कि मैस में सांची के अलावा भी अन्य जगह से पनीर मंगाया जा रहा था। इसलिए जिस पनीर की एंट्री नहीं मिली है, सम्भवत: उसी के खाने से बच्चे बीमार हुए होंगे।