कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा चन्दग्रहण -
ग्वालियर, न.सं.। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा महत्वपूर्ण स्थान रखती है। प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं, लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर इस वर्ष का चौथा और आखिरी उपछाया चन्द्र्र ग्रहण लगने जा रहा है। वही 14 दिसंबर को वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चन्द्र्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा, इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वैसे भी यह उपछाया चन्द्र ग्रहण है, इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह चन्द्र ग्रहण भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे, इसलिए अंतिम चन्द्र ग्रहण को लेकर सभी लोग बिल्कुल निश्चिंत रह सकते हैं। इस दौरान किसी भी तरह के भ्रम में पडऩे की जरूरत नहीं है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है। इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 29 नवंबर को दोपहर 12.47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2.59 तक रहेगी।
इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।दीप दान करने से होंगी मां लक्ष्मी प्रसन्न:-
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। वही विष्णु को तुलसी पत्र की माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं।