ग्वालियर में 2.9, नौगांव में 3.3 और खजुराहो में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री दर्ज

ग्वालियर में 2.9, नौगांव में 3.3 और खजुराहो में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री दर्ज
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शीतलहर की चपेट में मध्य प्रदेश

ग्वालियर। पहाड़ी इलाकों में हो रही भीषण बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं ने प्रदेशवासियों को कांपने पर मजबूर कर दिया है। न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट के साथ ही रविवार को सुबह प्रदेश ग्वालियर-चंबल संभाग, बुंदेलखंड, महाकौशल समेत कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। ग्वालियर में रविवार सुबह सबसे ठंडा रहा। राजधानी भोपाल में भी सुबह धुंध छा गई थी, जो 10 बजे के बाद छंटनी शुरू हुई। वहीं, तेज सर्द हवाएं चल रही हैं, जो शरीर में ठिठुरन पैदा कर रही हैं।

मध्य प्रदेश में दो दिन पहले कई इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हुई लेकिन शनिवार को मौसम पूरी तरह साफ हो गया। बादल छंटने के साथ दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट आई है। रविवार को सुबह प्रदेश में ग्वालियर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नौगांव में 3.3 और खजुराहो में पारा 05 डिग्री पर ठहरा। इसके अलावा गुना में 5.1 पचमढ़ी में 5.4 और सागर में 06 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में 08 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ, जो कि सामान्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस कम है, यह पिछले दिन के न्यूनतम तापमान के मुकाबले भी 1.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा।

भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वातावरण में कुछ नमी रहने के कारण राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में सुबह के वक्त कोहरा या धुंध बनी रहती है। वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसका विशेष असर मध्य प्रदेश के मौसम पर नहीं पड़ रहा हैं।मौसम विज्ञानी ने बताया कि रविवार को एक कमजोर आवृति वाला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में प्रवेश करने जा रहा है। इसके प्रभाव से सोमवार से प्रदेश में आंशिक बादल छाने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कहीं-कहीं बादल छाने से रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने के आसार हैं। वहीं, 18 जनवरी को एक तीव्र आवृति वाला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में दाखिल होगा। यह उत्तर भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय रहेगा। इसके असर से राजस्थान में प्रेरित चक्रवात बनने की भी संभावना है। इससे 19-20 जनवरी से मप्र में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ने लगेगा।

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