शिवरात्रि पर तैयार नहीं हो पाएगा अचलेश्वर महादेव मंदिर, प्रसाद काउंटर बनेंगे मुसीबत

शिवरात्रि पर तैयार नहीं हो पाएगा अचलेश्वर महादेव मंदिर, प्रसाद काउंटर बनेंगे मुसीबत
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- बुजुर्गों और बच्चों को मंदिर में नहीं मिलेगा प्रवेश

ग्वालियर/वेब डेस्क। निर्माण कार्य के चलते श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर इस बार भी शिवरात्रि पर तैयार नहीं हो पाएगा। सावन के समय मंदिर तैयार होने की संभावना है। महाशिवरात्रि का महापर्व 11 मार्च को मनाया जाने वाला है इसको लेकर मंदिर प्रबंधन द्वारा तैयारियां की जा रही है। कोरोना काल में महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि मंदिर में बुजुर्गों और बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह लोग बाहर से ही भगवान शिव के दर्शन कर सकेंगे और बाहर से पात्र के माध्यम से दूध और पुष्प चढ़ा सकेंगे। मास्क लगाकर आने वाले भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इससे पहले भक्तों को सेनेटाइज किया जाएगा।

नए रूप में दिखेगा अचलेश्वर मंदिर

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण वर्ष 2017 से किया जा रहा है। इसके निर्माण पर 3.11 करोड़ रुपए का खर्चा आ रहा है। मंदिर का निर्माण भौमिक स्वरूप में नागर शैली में किया जा रहा है। राजस्थान के कारीगरों द्वारा इसे तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में मंदिर के शिखर का काम चल रहा है। मंदिर का संपूर्ण निर्माण सावन में होने की संभावना है।

पांच द्वारों से होगा प्रवेश व निर्गम

श्री अचलेश्वर महादेव न्यास ने भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए पांच द्वारों का निर्माण किया है। इन द्वारों से भक्तों का प्रवेश और निर्गम होगा। भक्त को पिंडी को नहीं छूने दिया जाएगा। भक्त दूर से ही भगवान के दर्शन करेंगे।

प्रसाद काउंटर बनेंगे मुसीबत

महाशिवरात्रि के पर्व पर कुछ लोगों द्वारा अचलेश्वर महादेव मंदिर पर प्रसाद के स्टॉल लगाए जाते हैं। इन स्टॉलों से खिचड़ी, आलू, फल, खीर आदि का वितरण होता है। यहां सैकड़ों की सं या में भक्तों की भीड़ होती है। 10 से 12 स्टॉल लगाने वालों के आवेदन भी आ चुके हैं, जबकि यहां 25 से 30 स्टॉल लगाए जाते हैं। वहीं मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यह स्टॉल कोरोना काल में मुसीबत बन सकते हैं क्योंकि यहां पर होने वाली भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में न्यास 25 फरवरी को प्रशासन को भी पत्र लिख चुका है। मंदिर प्रबंधन को प्रशासन की गाइड लाइन का इंतजार है।


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