ग्वालियर लोकसभा में भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों के सामने कई चुनौतियां

ग्वालियर लोकसभा में भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों के सामने कई चुनौतियां
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ग्वालियर। देश की 18 वीं लोकसभा के लिए चुनावी रणभेरी बज गई है। मप्र में भाजपा- कांग्रेस के उम्मीदवार सामने आ गए हैं। ग्वालियर-चबंल संभाग में लोकसभा की 4 सीटों में से एक ग्वालियर संसदीय सीट पर इस बार भी भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होने जा रही है। दोनों ही दलों ने चार माह पूर्व विधानसभा चुनाव में पराजित उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा के भारत सिंह कुशवाहा व कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने क्षेत्र में मोर्चा संभाल अपना अभियान शुरू कर दिया है। दोनों के सामने कई चुनौतियां हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में ग्वालियर सीट से भाजपा के विवेक शेजवलकर को 1,46,842 मतों से जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव के करीब 4 साल बाद मप्र विधानसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा था।

नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से भाजपा ग्वालियर, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार, करैरा सीट पर विजयी रही थी। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर पूर्व, डबरा व पोहरी सीट पर चुनाव जीतने में सफल हुए थे। भाजपा को 8 सीटों पर 6,77,611 मत व कांग्रेस को 7,00,861 मत मिले थे । इस हिसाब से कांग्रेस ग्वालियर लोकसभा सीट पर करीब 23,250 मतों से भाजपा से आगे रही थी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 1,46 ,842 मतों से जीत हासिल की थी। इस हिसाब से कांग्रेस ने 23250 मतों की बढ़त लेकर करीब पौने दो लाख मतों को कवर किया। इसके पूर्व 2014 में भाजपा लोकसभा चुनाव में 29699 व 2009 में 26591 वोटों से जीती थी।

भाजपा ने पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार घोषित किया है। वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर से पराजित हुए थे। भाजपा ने इस बार जातिगत आंकड़ों के हिसाब से पिछड़ा वर्ग से भारत सिंह कुशवाहा को मैदान में उतार अंचल में पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश की है। भाजपा को उम्मीद है कि राम लहर व मोदी की गारंटी के सहारे वह अपने गढ़ को बरकरार रख पाएगी। जहां तक भाजपा उम्मीदवार कुशवाहा की बात करें तो टिकट मिलने के साथ ही सबसे पहले उन्होंने पार्टीजनों को साधने का काम किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के घर पहुंचकर आशीर्वाद लिया तो घर बैठे नेताओं के यहां पहुंघकर सहयोग मांगा।

पार्टी के अलग- अलग मोर्चे व प्रकोष्ठों की बैठकों में शिरकत कर कार्यकर्ताओं से भी मेल मिलाप कर लिया है। संसदीय क्षेत्र की लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन भी हो चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तक अभी उनके लिए पहले चरण में आ चुके हैं। कुशवाहा की उम्मीदवारी को पार्टी के कुछ लोग पचा नहीं पाये हैं। यही वजह है कि भले ही ऐसे नेता कार्यक्रमों व बैठकों में शिरकत कर रहे हों, लेकिन मन से अभी दूरी बनाए हुए हैं। कुशवाहा की उम्मीदवारी घोषित हुए लगभग एक माह हो गया है।

संगठन स्तर पर भले ही इस समय का लाभ उठाते हुए होमवर्क अच्छा कर लिया हो, लेकिन आम मतदाताओं के बीच अभी उन्हें पहुंचना बाकी है। कुशवाहा के सामने चुनौती है कि संगठन परिवार को एकजुटता के साथ सक्रिय कर उनके प्रभाव का अपने लिए उपयोग करना। वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त को कवर कर पिछले लोकसभा चुनाव में मिली 1,46, 842 मतों की जीत के जादू को बनाए रखना। चूंकि मतदान 7 मई को होना है उस समय अच्छी खासी गर्मी होगी। मौसम विभाग भी तापमान 43- 45 डिग्री होने की संभावना व्यक्त कर रहा है। ऐसे में मतदान कम होने की आशंका भी है और मतदान कम हुआ तो

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