प्लेटफार्म पर बेच रहे मास्क व सेनेटाइजर, कोचों के अंदर गंदगी

प्लेटफार्म पर बेच रहे मास्क व सेनेटाइजर, कोचों के अंदर गंदगी
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ग्वालियर,न.सं.। रेलवे ने यात्रियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्लेटफार्म पर तापमान जांचने के लिए स्क्रीनिंग मशीन लगाई है। प्लेटफार्म पर मास्क से लेकर सेनेटाइजर तक बेचा जा रहा है, लेकिन कोच के अंदर बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। चलती ट्रेन में कोच की सफाई नहीं होने से यात्री परेशान हैं। ग्वालियर से रवाना होने वाली ट्रेनों में सफाई व्यवस्था बंद है। हालात यह हैं कि 14 से 24 घंटे की यात्रा यात्री गंदे कोच में बैठकर और बदबू मारते शौचालयों का उपयोग करके पूरा कर रहे हैं।

रेलवे ने चलती ट्रेन में कोचों की सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग (ओबीएचएस) की व्यवस्था लागू की। ट्रेनों की सफाई के लिए करोड़ों का ठेका भी किया गया। रेलवे का दावा था कि चलती ट्रेन में कोचों की सफाई होगी। इतना ही नहीं यात्रियों द्वारा शिकायत करने पर 30 मिनट के भीतर ही सफाई से जुड़ी समस्या का समाधान किया जाएगा, लेकिन वर्तमान में कोचों की सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है। वर्तमान में जीटी एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस, तेलंगाना एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस में सफाई नहीं हो रही है। यात्रियों का कहना है कि प्रारंभिक स्टेशन से ट्रेन रवाना होने के बाद अंतिम स्टेशन तक कोच-टायलेट साफ नहीं किए जाते। कोच की सीटों के नीचे, गलियारे और शौचालय गंदगी से भर जाते हैं। शौचालय में पानी तक नहीं रहता। यही हाल जबलपुर से गुजरने वाली ट्रेनों का है।

किराया पूरा, सुरक्षा खुद करें

रेलवे कोच की सफाई, एसी कोच के यात्री को दिए जाने वाले बेडरोल की राशि भी आरक्षण टिकट में जोड़कर किराया तय करता है। सफाई बंद है तो किराया कम करने के बजाय और बढ़ा दिया गया है। ट्रेनों को साधारण से स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है। इससे किराया 10 से 15 फीसदी तक बढ़ गया है।

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