गोरमी से भोपाल भेजा जा रहा था चार लाख का मावा

गोरमी से भोपाल भेजा जा रहा था चार लाख का मावा
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ट्रेन में चढऩे से पहले ही पकड़ा, खाद्य विभाग ने की कार्रवाई

ग्वालियर। प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी होली पर खाद्य पदार्थों में मिलावट की आशंका से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि मुरैना व भिण्ड के आसपास के गांवों से बड़े स्तर पर मिलावटी मावा शहर में ही बल्कि भोपाल व इंदौर तक भेजा जा रहा है। इसी के चलते गोरमी से भोपाल के भेजे जा रहे 16 क्विंटल मावा का खाद्य विभाग की टीम ने छापेमार कार्रवाई करते हुए पकड़ा है। पकड़े गए मावे की कीमत करीब चार लाख बताई जा रही है।

दरअसल खाद्य विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गोरमी से बड़े स्तर पर मिलावटी मावे को शहर के अलावा भोपाल तक ग्वालियर स्टेशन से ट्रेन के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। इसी के चलते खाद्य विभाग की टीम में शामिल खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने स्टेशन पर निगरानी रखना शुरू की। रविवार को भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का एक दल महाराज पुरा थाने पर पहुंचा और एक दल स्टेशन पर। गोरमी के प्रताप पुरा से लोडिग़ वाहन क्रमांक एमपी-07-जीए-9322 में लाया गया मावा महाराजपुरा थाने पर मौजूद दल को चकमा देकर स्टेशन पर जा पहुंचा। लेकिन स्टेशन पर मौजूद दल ने लोडिंग को पर्सल काउंटर के बाहर ही पकड़ लिया और लोडिग़ को सीधा पड़ाव थाना लेकर पहुंचे। थाने पर लोडिंग चालक हरपाल नरवरिया से पूछताछ की तो उसने बताया कि मावा महेन्द्र बाबा व रामवीर अटेर अनोध रजपुरा एवं महेश प्रताप पुरा का है। चालक ने दल को यह भी बताया कि उक्त मावा भोपाल ट्रेन से भेजा जाना था। दल ने मौके से ही मावा के नमूने लेकर मावे को कोल्ड स्टोर में चालक की मौजूदगी में जब्त करते हुए रखवा दिया है।

भोपाल के कारोबारियों जाना था मावा

भोपाल के जिन कारोबारियों को यह मावा भेजा जाना था, मावा की डलियों पर उनका नाम लिखा था। भोपाल में मावा के कारोबारी विजय, देवेन्द्र, आनन्द, भावेश सहित अन्य की दुकानों पर भेजा जाना था।

प्रतिदिन 50 से अधिक क्विंट मावा आ रहा

भिण्ड व मुरैना के विभिन्न गांवों में मिलावटी मावा तैयार करने के लिए भट्टियां लगी हुई है। भट्टियों पर प्रतिदिन बड़े स्तर पर मावा तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं नाम न छापने की शर्त पर एक कारोबारी ने बताया कि ग्वालियर में प्रतिदिन 50 से अधिक क्विंट मावा शहर में लाकर खपाया जा रहा है।

भिण्ड भेजा जाएगा पत्र

चालक द्वारा जिन लोगों के नाम बताए गए हैं, उन पर कार्रवाई करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा भिण्ड के खाद्य सुरक्षा विभाग को एक पत्र भी लिखा जाएगा। जिससे मावा कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।

स्टेशन पर भी रहती है सेटिंग, नहीं करते सहयोग

ट्रेन के माध्यम से ग्वालियर से बाहर मावा व पनीर भेजने के लिए मिलावट खोरों की स्ट्रेशन के पार्सल काउंटर पर भी सेटिंग रहती है। मावा पर्सल काउंटर पर उतरते ही पार्सल काउंटर पर मौजूद कुछ युवकों द्वारा तत्काल बिल्टी काट दी जाती है। क्योंकि अगर एक बार बिल्टी कट गई तो खाद्य पदार्थ को जब्त नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं स्टेशन पर बड़े स्तर पर मावा, पनीर व घीर भोपाल, इंदौर सहित अन्य बड़े शहरों में सप्लाई किया जाता है। लेकिन नर्सल काउंटर के कर्मचारी न तो खाद्य विभाग को इसकी सूचना देते हैं और न ही सहयोग करते हैं।

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