सड़क पर भटकती रही मानसिक रूप से प्रताड़ित महिला, मदद को कोई नहीं आया आगे

सड़क पर भटकती रही मानसिक रूप से प्रताड़ित महिला, मदद को कोई नहीं आया आगे
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मानसिक प्रताड़ित महिला को मदद के लिए जाटी आम आदमी पार्टी से रूचि गुप्ता 

महिला की मदद करने से सभी प्रशासनिक अधिकारी बचते नजर आये

ग्वालियर। ग्वालियर में बीते रोज एक सिरफिरी महिला ने रोड पर जमकर उत्पात मचाया। एवं आने जाने वाले वाहनों को रोक कर गालियां दी एवं कई गाड़ियों को सड़क पर गिराया किसी की दुकान का सामान उठाकर फेक दिया। लकिन आपको बता दें की वह महिला मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। एवं वह आक्रोश में आकर एवं लोगों के तंग किये जाने को लेकर उत्तेजित होती दिखाई दी।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर में बीते 2 दिन से एक 33 वर्षीया महिला ने सड़कों पर काफी हंगामा कर रख है। जिसमे महिला के द्वारा लोगों से मारपीट कर, गाड़ी के बोनट पर बैठकर शोर मचाना,एवं लोगों की दुकान पर रखे सामान को फेकने का वीडियो शोसल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। इस घटना को लेकर एक बात निकलकर सामने आयी, जब स्वदेश की टीम ने मौके पर जाकर देखा पता चला की महिला ने कल सुबह ग्वालियर स्टेशन पर भी उत्पात मचाया तभी आरपीएफ के दो पुलिस कर्मी ने वहां आकर पागल खाने के लिए किसी अन्जान व्यक्ति के द्वारा उसे एक ऑटो रिक्शा में बैठाकर रवाना किया। महिला को ऑटो में बैठाकर सड़क पर काफी उत्पात मचाते हुए पागल खाने पहुंची महिला को वहां से कागजी करवाई न होने का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया। वापस लौटी महिला ने फूलबाग चौराहे पर जमकर उत्पात मचाया जिसके बाद फूलबाग मैदान के बाहर धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने उसे रोकते हुए पड़ाव पुलिस को सूचना देकर उसे पड़ाव थाने भेज दिया गया। पुलिस के द्वारा उसे पड़ाव थाने ले जाकर दोबारा उस मानसिक रोगी महिला को छोड दिया गया। महिला ने बीती शाम जमकर ग्वालियर स्टेशन के बाहर करीब 2 घंटे तक उत्पात मचाती रही लेकिन उसकी मदद करने या उसे अस्तपताल ले जाने के सभी प्रशासनिक अधिकारी वहां बचते नजर आया। तभी वहां रास्ते से गुजर रहीं आम आदमी पार्टी की महापौर प्रत्याशी रह चुकी रूचि गुप्ता ने उस महिला की मदद करते हुए उसे पुलिस बुलाकर थाने पहुँचाने का प्रयास किया। जिससे वह लोगों या खुद को कोई हानि न पहुंचा ले, लोगों का कहना था की महिला ने नशा किया हुआ है एवं वह नशे में उत्पात मचा रही है लेकिन महिला की मानसिक स्थिति सही नहीं है ये बात स्पष्ट रूप से सामने निकल कर आ रही है। जिसकी कोई भी व्यक्ति चाहे वह कोई समाजसेवी, पुलिसकर्मी या डॉक्टर क्यों न हो उसकी मदद के लिए किसी के द्वारा भी हाथ बढ़ाने की पहल न करते हुए सब अपना पक्ष रखते हुए बचते नजर आये। जो की इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना है।

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