घाटीगांव के साथ ग्वालियर रेंज में भी सक्रिय हुए खनन माफिया
ग्वालियर, न.सं.। घाटीगांव क्षेत्र के जंगलों में तो लंबे समय से फर्शी पत्थर का अवैध खनन चल ही रहा है, लेकिन अब ग्वालियर वन परिक्षेत्र में भी खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। वन विभाग के उडऩदस्ता द्वारा बीलपुरा वन चौकी क्षेत्र के अंतर्गत दो दिन में ही अलग-अलग स्थानों से अवैध रूप से उत्खनित करीब सात घनमीटर फर्शी पत्थर जब्त किया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य वन संरक्षक एवं वन मंडल अधिकारी के निर्देशन में खनन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई के लिए वन अमले के साथ उडऩदस्ते को प्रतिदिन अलग-अलग वन चौकी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। इसी क्रम में उडऩदस्ता गुरुवार को ग्वालियर वन परिक्षेत्र की बीलपुरा वन चौकी क्षेत्र के अंतर्गत कैंथा घाटी से आगे तालपुरा वन क्षेत्र में पहुंचा, जहां अवैध खनन पाया गया। मौके से करीब तीन घनमीटर फर्शी पत्थर सहित तमाम औजार जब्त किए गए। इससे पहले बुधवार को उडऩदस्ता ने बीलपुरा वन चौकी के अंतर्गत ही महेश्वरा उत्तर वन क्षेत्र में दो स्थानों से करीब चार घनमीटर फर्शी पत्थर जब्त किया था। इस कार्रवाई में बीलपुरा वन चौकी का स्टाफ भी शामिल था।
वन कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है अवैध खनन
वन मंडल ग्वालियर के जंगलों में अवैध खनन कोई नई समस्या नहीं है। यहां लंबे समय से वन मंडल इस समस्या से जूझता चला रहा है। आए दिन अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन बावजूद इसके खनन माफिया की सक्रियता निरंतर बढ़ ही रही है। खास बात यह है कि मैदानी वन अमला द्वारा जब कभी ही अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई प्रकाश में आती है, जबकि उडऩदस्ता जब-जब औचक कार्रवाई के लिए निकलता है, तब-तब अवैध फर्शी पत्थर जब्त किया जाता है, लेकिन अवैध खनन के ज्यादातर मामलों में वन अमले के मौके पर पहुंचने से पहले ही खनन माफिया भाग जाते हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ मैदानी वन कर्मचारी खनन माफिया से मिले हुए हैं, जो वन अमले के मौके पर पहुंचने से पहले ही खनन माफिया को सूचित कर देते हैं। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है? यह जांच का विषय है।