नाबालिग ने फेक इंस्टाग्राम आईडी से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की अपलोड, किशोर को सुनाई सजा

ग्वालियर | चाइल्ड पोर्नोग्राफी में अपचार बालक के खिलाफ पहली बार सजा सुनाई गई है। राज्य साइबर सेल ने बच्चे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसकी जांच में बालक पर आरोप सिद्ध पाया गया। राज्य साइबर पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि 30 सितम्बर 2020 को शिकायत दर्ज की गई थी। जिसमें जांच के दौरान पाया गया था कि अपचार बालक ने फेंक इंस्टाग्राम आईडी बनाकर उस पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेट अपलोड किया था। शिकायत जांच में उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपचार बालक के विरुद्ध 67बी आईटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। विवेचना में तकनीकी साक्ष्य एकत्रित कर चालान किशोर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने विवेचक द्वारा तकनीकी साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए अपचार बालक को सजा सुनाते हुए दंडित किया। चाइल्ड पोर्नोग्राफी में सजा का यह देश का पहला मामला है।
चाइल्ड पोनोग्राफी में सजा ज़रूरी-
चाइल्ड पोर्नोग्राफी में इसलिए सजा है महत्वपूर्ण चाइल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकरण में सजा इसलिए महत्वपूर्ण है योंकि ऐसे प्रकरणों में कोई शिकायतकर्ता नहीं होता है और न ही कोई अन्य साक्षी होता है। संपूर्ण कार्यवाही आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस उपकरण से प्राप्त डाटा प्रारंभ से होती है और डाटा के तकनीकी विशलेषण के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंचा जाता है। जिसने अपने फेसबुक/ इंस्टाग्राम/व्हाट्सअप आदि पर कभी भी कोई चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री अपलोड या शेयर की हो। कोई फरियादी या साक्षी न होने से जांच एजेंसियों को कतिपय समस्याओं का भी सामना करना होता है। इसके बावजूद प्रकरण पंजीबद्ध किए गए।
मप्र सायबर में 3 लाख से अधिक डाटा प्राप्त: 145 प्रकरण दर्ज-
मप्र सायबर में 3 लाख से अधिक डाटा प्राप्त: 145 प्रकरण दर्ज अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सायबर योगेश देशमुख ने बताया कि मप्र सायबर को 3 लाख से अधिक डाटा प्राप्त हुआ। जिसमें 145 प्रकरण दर्ज किए गए। अमेरिकी संस्था नेशनल सेंटर फार मिसिंग एंड एसप्लोइटेड चिल्ड्रन द्वारा चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री शेयर करने वालों की जानकारी भेजी जाती है। सजा होने की दशा में पांच वर्ष की सजा एंव 10 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है।
अमेरिका की टिप लाइन पोर्टल से सितम्बर 2020 में गृह मंत्रालय को मिली थी जानकारी -
एआई टूल से मिली जानकारी: गृह मंत्रालय अमेरिका की संस्था नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एन्ड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (एनसीएमईसी) से चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री शेयर करने वालों की जानकारी लेता है| यह जानकारी साइबर टिप लाइन पोर्टल से मिलती है और इसमें एआई टूल का उपयोग रहता है | वही किसी भी माध्यम से बच्चों के अश्लील वीडियो-फोटो प्राप्त होने पर निकटम थाना और एनसीआरपी पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें|