भूख से व्याकुल गौमाता, हरे चारे की जगह दे रहे सिर्फ सूखा भूसा

भूख से व्याकुल गौमाता, हरे चारे की जगह दे रहे सिर्फ सूखा भूसा
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गौशाला में न तो पीने को साफ पानी, न टंकियां हो रही साफ

ग्वालियर, न.सं.। शहर के गोला का मंदिर स्थित मार्क हॉस्पिटल में बनी गौशाला में बंद गौ माताओं की बेहतर देखरेख का नगर निगम का दावा खोखला साबित हो रहा है। गौशाला में बंद गायों को न तो इस समय हरा चारा खाने को मिल रहा है और ना ही पीने को साफ पानी है। गौशाला में हालत यह है कि गायों के पीने के लिए बनाई गई पानी की टंकियों में कचरा और कीड़े नजर आ रहे हैं। गौशाला में बंद बीमार गायों की भी देखरेख नहीं हो रही है, जिसके कारण बीमार गाय तिल तिल कर दम तोड़ रही हैं। जबकि नगर निगम गौशाला के देखरेख पर प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च कर रही है।

इस समय गौशाला में गायों को खाने को सूखा भूसा ही मिल रहा है और पीने के लिए पानी के लिए गौमाता इधर उधर भटक रही हैं। गोले का मंदिर स्थित मार्क हॉस्पिटल की गौशाला में दो हजार से अधिक गाय है। लेकिन वर्तमान में गायों को पर्याप्त भोजन न मिलने से गायों की हालत यह हो रही है कि वह ठीक से चल तक नहीं पा रही है। गौशाला में बंधी गायों की हालत दयनीय स्थिति में हैं। इन गायों को एक समय ही चारा उपलब्ध हो पा रहा है। जिसके चलते ये गाय भूख से व्याकुल रहती हैं। हरे चारा नहीं मिलने से गाय भूख से बिलखती रहती हैं और रंभाती रहती है।

10 दिनों से बंद है हरा चार

अधिकारियों का कमीशन बेजुबान गायों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। ठेकेदार को लाभ देने के लिए अधिकारियों ने हरा चारा ही बंद कर दिया। सूत्रों की मानें तो यह हालात पिछले 15 दिनों से लगातार बने हुए हैं। जिसका सबसे अधिक असर उन गायों पर पड़ रहा है जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं और स्वस्थ्य गायों के झुंड में खनोटों तक नहीं पहुंच सकती।

पहले आता था 300 क्विंटल हरा चारा

मार्क अस्पताल की गौशाला में पहले 300 क्विंटल हरा चारा आता था। लॉकडाउन की पाबंदी हटने के बाद गौशाला में 50 क्विंटल कर दिया गया। ऐसे में वहां के कर्मचारी गायों को सिर्फ सूखा भूसा खिला रहे है।

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