IoT : पानी को बर्बाद होने से बचाने MITS स्टूडेंट्स ने तैयार किया अल्ट्रा सोनिक सेंसर डिवाइस, नहीं फैलेगा संक्रमण
- माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर (MITS) के कंप्यूटर साइसं डिपार्टमेंट के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स ने (IoT)) इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं।
- चेतना राठौर
ग्वालियर। माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर (एमआईटीएस) के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स ने (आईओटी) इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं। टेक्नोलॉजी ने लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कई कामों को कम समय में जल्दी पूरा करने में तकनीक मददगार होती है। आपका निजी जीवन भी कई हदतक टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो चुका है। इसलिए स्टूडेंट्स ने समय को बचाने और सिक्योरिटी को लेकर आईओटी डिवाइस तैयार की हैं। एमआईटीएस कंप्यूटर साइंस डिर्पाटमेंट प्रोफेसर मनीष दीक्षित ने बताया कि आज सेंसर, सॉफ्टवेयर और अन्य टेक्नोलॉजी पर जीवन ज्यादा निर्भर हो चुका है। इसलिए इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने आईओटी प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं।
वॉटर रेन शटर-
दो महीने की मेहनत के बाद एमआईटीएस के एमसीए स्टूडेंट कार्तिक बादल और उनकी टीम ने सेंसर से वॉटर रेन शटर तैयार किया है। जिसके इस्तेमाल से बारिश के मौसम में छत पर सूख रहे कपड़े और अन्य सामान को एक डिवाइस लगाकर सुरक्षित किया जा सकेगा। अक्सर घर की महिलाएं बारिश के मौसम में कपड़े सुखाने की वजह से परेशान रहती है। वहीं फुटपाथ पर लगी दुकानदार भी अपने सामान को बारिश के पानी से भीगने से बचा सकेंगे। वॉटर रेन शटर डिवाइस में सेंसर लगाया गया है। इसे अपनी छत या दुकान के बाहर या जिस सामान को भीगने से बचाना है वहां इसे उसकी छत या ऊँची जगह पर लगा सकते हैं। इस डिवाइस पर बारिश की एक बूंद गिरने से इसका शटर खुल जाएगा। जो आपके सामान को एक शटर की तरह कवर कर लेगा। इसे बनाने में जगह के हिसाब से पैसा खर्च होगा।
ऑटोमेंटिक वॉटर डिस्पेंसर-
एमसीए फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट आयुष खरे ने बताया कि अल्ट्रा सोनिक सेंसर का उपयोग करके तीन माह में ऑटोमेटिक वॉटर डिस्पेंसर डिवाइस तैयार की है। जो घरों में पानी बर्बाद होने से बचाएगा। अक्सर घरों में बच्चे नल खुला छोड़ देते हैं वहीं पार्क में पौधों को ज्यादा पानी देने से पानी बर्बाद होता है। इस डिवाइस को लगाकर पानी का संरक्षण किया जा सकेगा। नल को छूये बिना ही बंद हो जाएगा। जैसे ही बच्चा नल के नीचे हाथ लगाएगा पानी शुरू और हाथ हटाने में पानी बंद हो जाएगा। वहीं पार्क में पानी देने से पहले डिवाइस में समय सेट करने पर उतना ही पानी पौधों को दिया जाएगा। साथ ही हॉस्पीटल, होटल आदि जगहों पर इसका उपयोग कर संक्रमण फैलने से बचाया जा सकता है।