प्रेम मंदिर की तर्ज पर बनेगा मुरार का द्वारकाधीश मंदिर
ग्वालियर, न.सं.। श्री द्वारकाधीश मंदिर समिति के गठन के बाद मुरार क्षेत्र के श्री द्वारकाधीश मंदिर को नया रूप देना शुरू कर दिया है। मंदिर को आकर्षक बनाने का काम किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य केवल मंदिर का जीर्णोद्धार करना है। इस मंदिर को मथुरा वृंदावन जैसे प्रेम मंदिर की तर्ज पर भव्य बनाने के लिए मंथन किया जा रहा है। यह बात समिति के अध्यक्ष पारस जैन ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
श्री जैन ने पत्रकारों को बताया कि श्री द्वारकाधीश मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर के पुजारी द्वारा न्यायालय से स्थगन लेने के कारण कुछ समय तक मंदिर की देखरेख नहीं हो पाई। ऐसा होने पर मंदिर दुर्दशा का शिकार हो गया। लेकिन अब मंदिर की समिति का गठन हो गया है। आगामी 45 दिन के अंदर मंदिर को और अधिक साफ व स्वच्छ बनाने का कार्य किया जाएगा। श्री जैन ने बताया कि मंदिर के परिसर में कोई ऐसा निर्माण नहीं किया जाएगा जो व्यावसायिक हो या फिर निजी स्वार्थ वाला हो। हमारा प्रयास इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए किया जा रहा है। समिति के उपाध्यक्ष संदीप मंगल (सोनू) और महामंत्री जगदीश मित्तल ने संयुक्त रूप से बताया कि गुजरात द्वारकाधीश मंदिर की जो मूर्ति है उसी पत्थर से बनी हुई मूर्ति को ग्वालियर में लाया गया था और वर्ष 1901 में स्थापना हुई थी। आज इस बात को 121 वर्ष पूरे हो गए हैं। मंदिर के पुजारी पंडित द्वारका प्रसाद शर्मा ने नकली ट्रस्ट के नाम पर मंदिर की समिति को हड़पने का प्रयास किया था। इसी लालच के कारण वह न्यायालय भी गए और स्थगन भी लिया। लेकिन अब स्थगन की अवधि समाप्त हो गई है मगर मामला न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय का जो फैसला आएगा वह हम सभी को मान्य होगा। पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ उपाध्यक्ष केके माहेश्वरी, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, विजय अग्रवाल आदि उपस्थित थे।