ग्वालियर में किसके इशारे सजी माधव नगर की चौपाटी, कहीं यहां पर भी नहीं हो जाए खून खराबा

ग्वालियर में किसके इशारे सजी माधव नगर की चौपाटी, कहीं यहां पर भी नहीं हो जाए खून खराबा
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सितम्बर माह में कटोराताल की अवैध चौपाटी पर हो चुकी है हत्या

ग्वालियर। चेतकपुरी, माधव नगर और विजया नगर में शाम को लगने वाली अघोषित चौपाटी से स्थानीय निवासी परेशान हैं। यहां कई असामाजिक तत्व आकर खड़े हो जाते हैं, जिसके कारण लोगों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालत यह है कि माधव नगर गेट के बाहर शाम को सजने वाली अवैध चौपाटी से पूरे मार्ग पर जाम जैसे हालत बन जाते है। ऐसा नहीं है कि यहां पर मदाखलत अमले ने कार्रवाई नहीं की हो, कार्रवाई के बाद भी यहां पर चौपाटी एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर सज जाती है। अगर यही हाल रहा तो कटोराताल जैसी घटना यहां पर कभी भी हो सकती है।

आज शहर में जहां दो ठेले खड़े हुए वहां पर एक छोटी चौपाटी कब अपना रुप धारण कर लेती है पता हीं नहीं चलता। शहर के प्रमुख स्थानों पर छोटी मोटी कई चौपाटी शाम होते ही गुलजार हो जाती हैं जहां खानपान के लिए पहुंचे लोगों के साथ आसामाजिक तत्व अभद्रता करने से नहीं चूकते हैं। सितम्बर माह 2023 में कटोराताल चौपाटी पर युवक की हत्या के बाद भी पुलिस सर्तक नहीं है। अवैध चौपाटियां आज भी 11 बजे के बाद तक चल रही है।

बैजाताल, मोतीमहल, फूलबाग गुरुद्वारा, जयारोग्य चिकित्सालय रोड, महारानी लक्ष्मीबाई समाधि के पास, बाल भवन मानिक विलास कॉलोनी, रुपसिंह स्टेडियम के पास, इन्द्रमणी नगर तिराहा, थाटीपुर पेट्रोल पम्प के पास, नाकाचन्द्रबदनी चौराहा बस स्टैण्ड के पास, कुम्हरपुरा, कटोराताल रानीपुरा मार्ग यह वह स्थान है जहां चाट के ठेले चौपाटी का रुप ले चुके हैं। इन स्थानों पर अवारागर्दी करने वाले युवक मौका मिलते ही युवतियों के साथ अभद्रता करने से बाज नहीं आते। बैजाताल का माहौल इस कदर खराब हो चुका है कि रात बारह बजे के बाद भी अंधेरे का फायदा उठाकर लोग गलबंईयां करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। यहीं हाल रुपसिंह स्टेडियम केे आसपास लगने वाले ठेलों के इर्दगिइर्द देखने को मिल जाएगा। यहां पर सडक़ पर सरेआम नंगा नाच दिन भर चलता रहता है। नशा करने वाले खुलेआम सडक़ किनारे बैठकर गला तर करते हुए दिख जाएंगे और जब नशा सिर चढक़र बोलने लगता है तो वह अपराध करने से भी नहीं चूकते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण रेलवे नया ओवरब्रिज है जहां पर सीढिय़ों पर रात भर नशेड़ी युवक उत्पात्त मचाते घूमते फिरते रहते हैं। वह आपस में खून खराबा करने से भी बाज नहीं आते हैं। पुलिस को नशेडिय़ों की जानकारी है लेकिन बेवस है। जमघट लगाकर खड़े होने वाले ठेले किसके इशारे पर लग रहे हैं इसकी जबावदेही किसकी है और इसका दोषी कौन है यह कोई भी अधिकारी भी बताने को तैयार नहीं हैं। जबकि हजारों की संख्या में नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए ठेलों के जमघट जिसे असामाजिक तत्वों की चौपाटी कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

मदखलत ने कई बार जप्त किए ठेले, जनप्रतिनिधियों के पहुंचते फोन

मदाखलत अमले ने माधव नगर गेट के पास लगने वाले ठेलों को कई बार जप्त किया है, लेकिन ठेले वाले जनप्रतिनिधियों से फोन लगवाकर अपने ठेले छुड़वा लेते है और फिर से उसी जगह पर खड़़े हो जाते है। इतना ही नहीं इन ठेले वालों को दंबगों संरक्षण भी प्राप्त है।

चौपाटी वाले स्थानों पर जाम से कराहते लोग

बैजाताल के पास शाम छह बजे के बाद वाहन चालकों का निकलना मुश्किल हो जाता है। तो वहीं फूलबाग गुरुद्वारे के पीछे जो दुकानें बनी है वहां पर आने वाले लोग सडक़ पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। इसके अलावा अचलेश्वर मंदिर रोड पर खानपान की दुकानों के तो भगवान ही मालिक हैं। यहां पर देर रात तक वाहन रेंगते हुए निकलते हैं। शहर में जहां पर भी यह खानपान के ठेले खड़े होते हैं वहां पर युवक सडक़ पर ही गाडिय़ां खड़ी करके यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। रेलवे स्टेशन गुलम्बर पर देर रात वाहनों के जमघट और वहां पर रंगबाजों की खुलेआम गलबंईयां जगजाहिर है। पुलिस भी आंख बंद करके सब देखती रहती है और कोई अप्रिय घटना का इंतजार करती है। शिवांस की हत्या के बाद पुलिस एक दो दिन से सख्ती अवश्य दिखा रही है लेकिन दो चार दिन बाद फिर यह गुलजार हो जाएंगी।

राजपायगा रोड पर लगे ठेले दबंगों के

राजपायगा रोड पर लगे ठेले भी दबंगों के है। उन्होंने गरीबों को किराए पर दे रखा है। रात के समय यहां पर भी सूखे नशा करने वालों की भीड़ रहती है। यहां पर भी एक साल पहले एक नशेड़ी की मौत हो चुकी है। उस घटना के बाद यहां कुछ दिन ठेेले लगना बंद हो गए थे, लेकिन बाद में यहां पर फिर से अवैध रूप से ठेले खड़े होने लगे।

मदाखलत कार्रवाई करे, तो आते है फोन

चाहे माधव नगर हो कम्पू हो या फिर सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल इतना ही नहीं मदाखलत अमला कहीं भी ठेले वालों पर कार्रवाई करने जाता है उससे पहले ही उनके पास जनप्रतिनिधियों के पास फोन पहुंच जाते है ऐेसे में वह भी उलटे पांव वापस लौट जाते है। कई बार मदाखलत अमले ने ठेले जप्त भी किए, लेकिन बाद में ठेले वाले उसी स्थान पर ठेला लगाने लगते है।

एक ठेले से पांच से दस हजार की वसूली

शहर में कई स्थान ऐसे है जहां दबंगों ने सडक़ किनारे जगह घेरकर ठेले किराए पर उठा दिए है। साथ ही जिन ठेले कारोबारी को किराए पर जगह दी जाती है, उनसे साफ कहा जाता है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, तुमको यहां से कोई नहीं हटाएगा।

शहर में 51 हजार से अधिक ठेले

-शहर में 51 हजार से अधिक ठेले है, लेकिन इनसे अवैध रूप से वसूूली दबंग करते है।

-फूलबाग रोड पर मेवा वाले फड़ लगाते है, इन पर मदाखलत ने कार्रवाई की थी, लेकिन फिर से यहां पर कारोबार होने लगा।

-फूलबाग पर जगह को लेकर कई बार आपस में विवाद भी हो चुका है।

मदाखलत को क्या करना चाहिए

-मदाखलत अमले को थाटीपुर की तरह एक महीने तक रोज गाड़ी घुमाना चाहिए।

-सुबह और शाम के समय ऐसे स्थानों पर पुलिस के साथ एक कर्मचारी भी तैनात होना चाहिए।

-मदाखलत अधिकारी खुद निगरानी करेंगे तो अवैध रूप से खड़े होने वाले ठेले सडक़ किनारे नहीं लगेंगे।

इन्होने कहा -

जो भी अवैध चौपाटी चल रही है उन पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। कोई ऐसे क्षेत्र चिन्हित करेंगे, जहां उन्हें शिफ्ट किया जा सकके। मदाखलत अमले द्वारा लगातार कार्रवाई की जाती है, लेकिन वापस ठेले उसी जगह खड़े होते है उन पर पुुलिस व प्रशासन साथ कार्रवाई की जाएगी।

हर्ष सिंह, निगमायुक्त

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