नागपंचमी: नाग नागिन की अमर प्रेम कहानी, प्रेमी और कुंवारे पहुंचते हैं मन्नत मांगने, बनती हैं जोड़ियां

नागपंचमी: नाग नागिन की अमर प्रेम कहानी, प्रेमी और कुंवारे पहुंचते हैं मन्नत मांगने, बनती हैं जोड़ियां
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सावन के सातवें सोमवार पर नागपंचमी होने का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन शिव की पूजा के साथ-साथ नागदेवता की भी पूजा की गई।

ग्वालियर। सावन के सातवें सोमवार पर नागपंचमी होने का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन शिव की पूजा के साथ-साथ नागदेवता की भी पूजा की गई। भक्तों ने भगवान शिव की मंदिरों में पूजा कर नाग देवता की भी पूजा की। नागपंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष की सोमवार मनाई गई। श्रृद्वालुओं ने नाग वामी पर जाकर पूजा कर दूध पिलाया। इस दिन शिव भक्तों ने व्रत कर नागदेवता की पूजा की। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। नागपंचमी पर राहु केतु दोष से मुक्ति भी मिलती है। इसके साथ ही शहर में नाग नागिन की अमर प्रेम कहानी अमर प्रेम मंदिर में देखने को मिलती है। ग्वालियर के आनंद नगर में स्थित नाग नागिन का प्रेम मंदिर एक लव पॉइंट भी बना हुआ है।

अमरप्रेम मंदिर नाग नागिनी मंदिर-

श्रृद्वालुओं और प्रेमियों में अमरप्रेम मंदिर की बहुत मान्यता है। यह मंदिर नाग नागिन के प्रेम कथा पर आधारित है इसलिए यहां लड़के-लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने की मंशा से और प्रेमी-प्रेमिका अटूट बंधन बना रहे इसके लिए मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। स्थानिय लोगों के अनुसार एक नाग की मौत सड़क पार करते समय ट्रक से कुचलकर हो गई थी। नागिन ने वहां से नाग के शरीर को उठाकर सड़क किनारे उससे लिपटकर बैठी रही आंसुओं से रोते हुए तड़प-तड़पकर अपने प्राण त्याग दिए। यह देखकर स्थानिय लोगों ने उनका मंदिर बना दिया जहां भारी मात्रा में लोग दर्शन को पहुंचते हैं। नागपंचमी के अवसर पर तो अधिक मात्रा में जोडे़ मन्नत मांगने पहुँचते हैं।

नाग मंदिरों में श्रृद्वालुओं की भीड़-

नागपंचमी के दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रृद्वालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। शहर के छत्री बाजार स्थित नागदेवता मंदिर में दूध दही से अभिषेक कर श्रृंगार किया गया।

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