जयारोग्य में मरीजों के साथ लापरवाही, नर्सिंग छात्र लगा रहे इंजेक्शन
ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय में चिकित्सकों व नर्सिंग स्टॉफ की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती मरीजों की जान से नर्सिंग स्टॉफ द्वारा आए दिन खिलवाड़ किया जा रहा है। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता। अस्पताल के विभिन्न वार्डं में भर्ती मरीजों की जान के साथ इन दिनों खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए पहुंच रहे नर्सिंग छात्र-छात्राओं से चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ इंजेक्शन व कैनुला सहित ड्रिप तक लगवा रहे हैं।
जयारोग्य चिकित्सालय में निजी नर्सिंग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं नर्सिंग की बारीकियां सीखने के लिए पहुंचते हैं, जिन्हें वार्ड में पदस्थ ड्यूटी सिस्टर अपनी उपस्थिती में सिर्फ प्रशिक्षण दे सकती है। लेकिन अस्पताल के कई वार्डों में रात के समय ड्यूटी पर कोई भी नर्सिंग स्टॉफ मौजूद नहीं रहता और नर्सिंग छात्र मरीजों को इंजेक्शन लगाने के साथ ही कैनुला भी डाल रहे हैं। अनुभवहीनता के कारण मरीजों की नस का सही आकलन नहीं होने पर मरीजों को कष्ट भी झेलना पड़ता है। जबकि यह सब अस्पताल प्रबंधन की नाक के नीचे ही चल रहा है।
कई चिकित्सक नहीं पहुंचते शाम को राउण्ड पर
जयारोग्य चिकित्सालय में शाम के समय कई चिकित्सक राउण्ड पर नहीं पहुंचते है। चिकित्सकों के राउण्ड पर न पहुंचने पर प्रशिक्षु छात्रों को मरीजों को देखने से लेकर इंजेक्शन व ड्रिप लगाने तक की छूट मिल जाती है। जिस कारण कई बार मरीजों को गलत इंजेक्शन तक लग जाते हैं। अगर विभागध्यक्ष प्रतिदिन समय पर राउण्ड लेने पहुंचे तो काफी हद तक अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार हो सकता है।
विभागध्यक्ष भी नहीं करते मॉनीटरिंग
अस्पताल में कई विभागध्यक्ष ऐसे भी है, जिन्हें विभाग की व्यवस्थाओं से कोई मतलब नहीं होता। अस्पताल में अगर विभागध्यक्ष अपने विभाग में पदस्थ जूनियर चिकित्स, नर्सिंग स्टॉफ सहित अन्य स्टॉफ की मॉनीटरिंग अगर ठीक से करे तो अस्पताल में यह स्थिती निर्मित नहीं होगी। लेकिन कुछ विभागध्यक्ष तो ऐसे हैं जो राउण्ड के समय अपनी निजी क्लीनिकों पर मरीजों को देखते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई विभागध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सक ऐसे भी है जो अपनी यूनिट में भर्ती मरीज की कैस शीट अपनी निजी क्लीनिक पर जूनियर चिकित्सकों से मंगवा कर उपचार लिख देते हैं।
कई बार पकड़ चुके हैं छात्र
अस्पताल में कई बार नर्सिंग छात्रों द्वारा मरीजों को इंजेक्शन व ड्रिप लगाते हुए पकड़ा गया है। इतना ही नहीं कुछ निजी महाविद्यालयों के नर्सिंग छात्रों पर पूर्व में कार्रवाई भी की गई है। साथ ही कई बार ऐसे महाविद्यालयों के नर्सिंग छात्र भी विभागों के घूमते हैं जो मरीजों को निजी अस्पतालों तक में सिफ्ट करते हैं। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते।