13 दिन बाद बीत गए, लेकिन न तो दल बना और न ही कोई सर्वे करने बरई पहुंचा

13 दिन बाद बीत गए, लेकिन न तो दल बना और न ही कोई सर्वे करने बरई पहुंचा
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13 दिन पहले लोकसभा में सांसद शेजवलकर ने लोकसभा में उठाया का मामला

ग्वालियर,न.सं.। 13 दिन पहले लोकसभा में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने घांटीगांव ब्लॉक के बरई-पनिहार व उसके आस-पास के गांवों में लगातार बढ़ रही कैंसर रोगियों की जानकारी रखी थी, लेकिन 13 दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन के कानों में जू तक नहीं रेंगी। अभी तक न तो कोई जांच दल बनाया गया है और न ही इन गांवों में कोई टीम पहुंची। फिलहाल तो प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को सर्वे कराने के निर्देश दिए है। उधर स्वास्थ्य विभाग अभी यह कह रहा है कि पहले बैठक करेंगे उसके बाद दल बनाएंगे। कुल मिलाकर बरई पनिहार के अलावा दो दर्जन से ज्यादा पंचायतों में पानी मौत की वजह बनता जा रहा है।

यहां बता दे कि जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था बरई पनिहार इलाके के पानी में कैंसर कारक तत्व पाएं गए हैं। लोगों का दावा है कि यह बीते 10 साल में 50 से अधिक की मौत हो चुकी है। वहीं ग्राम पंचायत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों में 15 लोग कैंसर से मरे हैं।

केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में बरई पनिहार के गांवों के पानी में कैंसर कारक तत्व होने की रिपोर्ट आने के बाद भी प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। पहले तो प्रशासन बरई पनिहार में कैंसर से होने वाली मौतों के पीछे पानी को वजह नहीं मानता था। लेकिन सांसद ने जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने के बाद भी प्रशासन ने इस इलाके में पानी के ठोस इंतजाम करने के लिए कोई पहल नहीं की।

ग्रामीण ब्लास्टिंग को मानते हैं मुख्य वजह

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार घाटीगांव ब्लॉक के पानी में कैंसर कारक तत्व आने के पीछे की वजह साल 1990 से 1992 के दौरान रेल लाइन बिछाने के लिए की गई ब्लास्टिंग को मुख्य वजह मानते है। इस दौरान 60 फीट अंदर तक एक लंबे ट्रैक पर ब्लास्टिंग जारी रही थी। जिसके बाद जमीन के अंदर कुछ ऐसा हुआ कि धीरे-धीरे यहां का पानी लोगों की मौत का कारण बनने लगा है।

जल समस्या हल करने मुख्यमंत्री कर चुके हैं घोषणा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पिछले दिनों बरई पनिहार के दौरे के दौरान यहां के जल की स्थाई समस्या हल करने के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान किया था। लेकिन यह रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने सीएम की योजनाओं को अभी तक शुरु नहीं किया।

इनका कहना है

पहली बात तो यह है कि यहां पर डॉक्टर आकर सिर्फ कैंसर पीडि़त मरीजों का परीक्षण कर सकते है, लेकिन मुख्य वजह पानी में है, इसको लेकर अभी तक यहां पर कोई नहीं आया है।

मुकुंद पाठक

सामाजिक कार्यकर्ता

जलशक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट आने के बाद मैंने सीएमएचओं को सर्वे कराने के निर्देश दिए है।

अक्षय कुमार सिंह

जिलाधीश

जल्द ही बैठक कर हम दल बनाएंगे, जो वहां जाकर परीक्षण करेगा कि आखिर कैंसर मरीजों की संख्या क्यों बढ़ रही है।

आरके राजौरिया

सीएमएचओं

ग्वालियर

हम प्रशासन के सहयोग से डॉक्टरों की टीम को घाटीगांव क्षेत्र में भेजेंगे, जिससे पता लगेगा कि अखिर कैंसर के मरीज क्यों बढ़ रहे है।

डॉ बीआर श्रीवास्तव

संचालक

कैंसर अस्पताल

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