कूनो उद्यान में लाए जाएं बब्बर शेर, घडिय़ाल अभ्यारण का हो स्थाई संरक्षण

कूनो उद्यान में लाए जाएं बब्बर शेर, घडिय़ाल अभ्यारण का हो स्थाई संरक्षण
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दोनों मुद्दों पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को लिखे पत्र

ग्वालियर, न.सं.। श्योपुर के कूनो-पालम राष्ट्रीय उद्यान में बब्बर शेर व बाघ लाने और मुरैना के घडिय़ाल अभ्यारण्य के स्थाई संरक्षण के लिए क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पहल शुरू की है। इसे लेकर उन्होंने केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दो अलग-अलग अर्धशासकीय पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित किया है।

केन्द्रीय मंत्री को लिखे पत्र में श्री तोमर ने उल्लेखित किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कूनो-पालम राष्ट्रीय उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान के मापदंडों के अनुसार विकसित किया गया है। इस उद्यान को लेकर क्षेत्र की जनता ने भी काफी सहयोग किया है। इसके प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए यहां अन्य प्रदेशों से बब्बर शेर और बाघ लाकर छोड़े जाने की योजना है। केन्द्रीय श्री तोमर ने श्री जावड़ेकर से अनुरोध किया है कि बब्बर शेर व बाघ यहां जल्द भिजवाने के लिए समुचित समीक्षा कर इन्हें लाने की व्यवस्था की जाएं। इसके अलावा श्री तोमर यहां चंबल नदी पर स्थित घडिय़ाल अभ्यारण्य के स्थाई संरक्षण के लिए भी प्रयासरत हैं।

अभ्यारण्य घोषित होने के बाद चंबल नदी के काफी लंबे भाग- लगभग 300 किलोमीटर क्षेत्र में रेत खनन पर रोक लगी हुई है, जिसके कारण रेत नहीं निकाले जाने के कारण जल प्रवाह बाधित होने से भविष्य में घडिय़ालों के संरक्षण में समस्या आ सकती है। इसलिए उक्त विषय में एक व्यवहारिक नीति बनाए जाने की आवश्यकता है, जिससे कि घडिय़ाल अभ्यारण्य का स्थाई संरक्षण संभव हो सकें एवं घडिय़ालों के अलग-अलग प्रक्षेत्र चिन्हित कर संरक्षित किए जा सकें। श्री तोमर ने कहा कि इससे इलाके के विकास के लिए जरूरी रेत की आवश्यकता की पूर्ति के साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा।

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