लोकायुक्त तक पहुंची कॉटन घोटाले की शिकायत

लोकायुक्त तक पहुंची कॉटन घोटाले की शिकायत
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नियम विरुद्ध तरीके से की जा रही खरीदी

ग्वालियर/न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय में हुए कॉटन खरीदी घोटाले की शिकायत अब लोकायुक्त तक जा पहुंची है। शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को शिकायत करते हुए जांच की मांग की है। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन अपने चहेतों को बचाने में लगा हुआ है। इसी के चलते अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई करने की जगह आनन-फानन में घटिया गुणवत्ता की कॉटन को वार्ड से ही हटवा दिया गया है।

शिकायतकर्ता अवधेश सिंह तोमर ने लोकायुक्त को शिकायत करते हुए कहा है कि जयारोग्य अस्पताल समूह में निजी फर्म सुरेश मेडिकल्स को अवैध रूपए से फायदा पहुंचाने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, स्टोर इंचार्ज डॉ. अक्षत पाठक, क्रय शाखा इंचार्ज डॉ. जितेन्द्र अग्रवाल एवं प्रशासनिक अधिकारी द्वारा संगठित तरीके से भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

इसी के चलते सुरेश मेडिकल्स को फायदा पहुंचाने व लाखों रुपए की पेनाल्टी से बचाने के लिए घोटाला किया गया, जिसकी जांच की जाए। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में कॉटन खरीदी के लिए एल-1 (प्रथम न्यूनतम दर) स्तर पर सुरेश मेडिकल स्टोर आया था, जबकि एल-2 (द्वितीय न्यूनतम दर ) पर यश इन्टर प्राइजेश आई थी। इसी के चलते सुरेश मेडिकल को करीब दस से पन्द्रह लाख रुपए के आर्डर जारी किए गए, लेकिन पिछले तीन माह से सुरेश मेडिकल स्टोर द्वारा कॉटन की सप्लाई ही नहीं की गई। इस पर अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने फर्म से साठगांठ कर सुरेश मेडिकल से ही एलपी के माध्यम से कॉटन खरीदा। जबकि निविदा के नियम अनुसार अगर 30 दिन में एल-1 फर्म सप्लाई नहीं करता तो यह ऑर्डर एल-2 को दिया जाना था। इसके साथ ही एल-1 व एल-2 के अंतर की राशि एल-1 सप्लायर से वसूली जाती है। फिर भी अस्पताल प्रबंधन सुरेश मेडिकल्स को लाभ पहुंचाने में लगा रहा। जिसको लेकर शिकायतकार्ता ने लोकायुक्त में शिकायत की है।

चहेतों को बचाने में जुटा प्रबंधन

कॉटन खरीदी में हुए घोटाले का मामला सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी अपने चहेेतों को बचाने के लिए जुट गए हैं। साथ ही वार्डों से घटिया गुणवत्ता की कॉटन भी हटवा दी गई है। इतना ही नहीं स्टोर इंचार्ज का कहना है कि एल-2 स्तर की फर्मा को ऑर्डर जारी कर दिए गए, लेकिन एल-2 फर्म यश इंटरप्राइजेज के संचालक का कहना है कि अभी तक उन्हें कोई आर्डर प्राप्त नहीं हुआ है।

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