भाजपा और कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मशक्कत
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प्रदेशभर में गर्माए राजनीतिक समीकरण
ग्वालियर/विशेष प्रतिनिधि। लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश भर में इन दिनों राजनीतिक समीकरण बेहद गर्माए हुए हैं। दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस की ओर से लोकसभा प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है, जिसमें भाजपा ने 15 और कांगे्रस ने नौ प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाए हैं,वह बगावती तेवर दिखा सकते हैं। ऐसे में प्रदेश के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। वैसे दोनों ही दलों का दावा है कि वे इस चुनाव में 29 में से 20 से 25 सीटें ला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की 29 सीटों पर भाजपा कांग्रेस में चुनाव के पहले ही घमासान मचा हुआ है। यह घमासान प्रत्याशियों के चयन को लेकर है। दोनों ही की निगाहें एक-दूसरे के प्रत्याशियों की ओर है।वे सामने वाले का नाम देखकर अपना प्रत्याशी तय कर रहे हैं। यह घमासान सबसे ज्यादा भोपाल में दिखाई दे रहा है,जहां कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मैदान में उतार दिया है। किंतु भाजपा ने उनके खिलाफ किसी प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम चलने से भोपाल की राजनीति में गर्माहट आ गई है। वैसे विदिशा से उनकी पत्नी साधना सिंह का भी नाम चल चुका है। भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी के नाम भी चले। वहीं साध्वी प्रज्ञा ने भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की है। उधर इंदौर में भी अभी तक दोनों ही दलों ने किसी प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है।यहां से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई का नाम भाजपा से चल रहा है। इसके अलावा कुछ और नामों पर भी विचार हो रहा है।उसे देखते हुए कांग्रेस ने अभी किसी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है।
भाजपा में शहडोल से ज्ञान सिंह, मंदसौर से किसान नेता बंशीलाल गुर्जर और दमोह से अभिषेक भार्गव का टिकट कटने पर यह पार्टी से नाराज बताए गए हैं। दूसरी ओर गुना में भी अभी तक दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं। यहां से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीतते आ रहे हैं,किंतु अब तक घोषित की गई प्रत्याशियों की सूचियों में उनका नाम नहीं है। उन्हें ग्वालियर अथवा इंदौर से लड़ाई जाने पर भी विचार चल रहा है।ऐसे में गुना से भाजपा किसे मैदान में उतारेगी इसे लेकर रणनीति बन रही है।
अब व्यापारियों और वकीलों से भी कराया जाएगा प्रस्ताव पास
ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस ने अभी प्रत्याशियों का चयन नहीं किया है। इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने जिस तरह से प्रस्ताव पास कर प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को चुनाव लड़ाने की बात की है,उसे राजनीतिक हलकों में कम गंभीर माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि सिंधिया के प्रति स्वामी भक्ति दिखाने के लिए ऐसा किया गया है। इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि प्रियदर्शनी राजे को चुनाव लड़ाए जाने के लिए अब व्यापारियों एवं वकीलों से भी प्रस्ताव पास कराया जाएगा। जबकि प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह की यहां से मजबूत दावेदारी है। इससे ऐसा झलकता है कि अशोक सिंह को कट करने के लिए प्रियदर्शनी राजे का नाम उछाला जा रहा है। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम मुरैना संसदीय क्षेत्र से घोषित हो जाने के बाद ग्वालियर में भाजपा में प्रत्याशी के नाम को लेकर अलग-अलग चचाएं है। जिसमें महापौर विवेक शेजवलकर,विधायक यशोधरा राजे सिंधिया और पूर्व मंत्री माया सिंह के नामों पर विचार चल रहा है।