रेलवे ट्रैक पर दबाव, ग्वालियर नहीं रुकेगी मुंबई राजधानी एक्सप्रेस
लोगों को था लंबे समय से इंतजार
ग्वालियर/न.सं.। निजामुद्दीन से चलकर मुंबई की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस का स्टॉपेज अब ग्वालियर में नहीं किया जाएगा। रेलवे ने इसे ग्वालियर में ठहराव करने से इंकार कर दिया है। इसके पीछे आगरा-झांसी रेलखण्ड का ओवरलोड होना बताया गया है। रेलवे का तर्क है कि आगरा-झांसी रेलखण्ड में रेल लाइन क्षमता का उपयोग 134.83 प्रतिशत हो रहा है। इस स्थिति में ट्रेन का ग्वालियर में ठहराव करना औचित्यपूर्ण नहीं है। रेलवे के इस निर्णय के बाद उन लोगों की उम्मीद टूट गई, जो ग्वालियर से मुंबई जाने के लिए इस ट्रेन के ठहराव की सोच रहे थे। और लंबे समय से इस ट्रेन ठहराव होने का इंतजार कर रहे थे।
शहरवासी पिछले काफी दिनों से निजामुद्दीन-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस के ठहराव की मांग कर रहे थे। इसे लेकर शहर के उद्योगपति, जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार पत्राचार किया। इसके चलते इस ट्रेन को ग्वालियर में ठहराव करने पर विचार रेलवे ने किया। रेलवे बोर्ड द्वारा सर्वे करवाया गया। इसके बाद रिपोर्ट जोनल मुख्यालय से बोर्ड गई। लगातार की जा रही मांग के चलते ट्रेन को ग्वालियर में ठहराव करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई। रेल पाथ के लिए जब आगरा रेल मंडल और झांसी रेल मंडल ने खाका खींचा तो हकीकत सामने आई। क्योंकि इस समय में आगरा कैंट से ग्वालियर के लिए कई ट्रेनें हैं। आगरा-झांसी रेलखंड की परिचालन क्षमता के सर्वे में सामने आया कि रेलखण्ड में लाइन क्षमता का उपयोग 134.83 फीसदी हो रहा है। जबकि रेलवे बोर्ड की नीति के अनुसार लाइन क्षमता का उपयोग 90 प्रतिशत से अधिक हो तो उस रेलखण्ड में गाड़ियों का विस्तार तर्कसंगत नहीं है।
ग्वालियर से मुंबई के लिए सिर्फ दो ट्रेनें
अभी ग्वालियर से मुंबई के बीच केवल पठानकोट और पंजाब मेल ही रोजाना ट्रेन है। एक झांसी-बांद्रा के बीच भी ग्वालियर होकर जाती है लेकिन वो साप्ताहिक है। अगर राजधानी का ठहराव ग्वालियर में होता तो ग्वालियर से मुंबई जाने के लिए एक वीआईपी ट्रेन मिल जाती।
2488 करोड़ रुपए से बन रही है तीसरी लाइन
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और आवाजाही का समय दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने तीसरी लाइन का काम शुरू कर दिया है। झांसी से मथुरा के बीच 273 किमी लंबी तीसरी लाइन पर रेलवे 2488 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। मथुरा से आगरा के बीच तेजी से काम चल रहा है। अब रायरू से धौलपुर के बीच भी जमीन समतलीकरण का काम शुरू किया गया है। जबकि सिथौली से आंतरी के बीच भी काम पांच माह पहले पहले शुरू किया जा चुका है। मथुरा से झांसी व झांसी से बीना के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने की मंजूरी अगस्त 2016 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने दी थी। रेल विकास निगम के अफसरों के मुताबिक क्वारी व सिंध नदी के ऊपर ब्रिज बनाने का काम शुरू किया जा चुका है।
आगरा-झांसी रेलखण्ड एक नजर में
♦ आगरा कैंट से ग्वालियर होते हुए झांसी के लिए प्रतिदिन 110 यात्री ट्रेन और 65 मालगाड़ी गुजरती हैं।
♦ इस रेलखण्ड पर प्रतिदिन करीब 1 लाख यात्री यात्रा करते हैं।
♦ आगरा-झांसी रेलखण्ड में दो लाइन ही हैं, इसके चलते रेलखण्ड ओवरलोड हो गया है।
♦रेलखण्ड ओवरलोड हो जाने की वजह से ट्रेनों को समय पर चलाने का संकट खड़ा हो गया है। इसके चलते ट्रेनें घण्टों लेट होती हैं।