अब परीक्षा भवन में लगी भीषण आग उत्तरपुस्तिकाएं जलकर हुईं खाक

अब परीक्षा भवन में लगी भीषण आग उत्तरपुस्तिकाएं जलकर हुईं खाक
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जीवाजी विवि में हुई आज सुबह घटना चार दिन में दो जगह लगी आग कहीं लगाई तो नहीं गई?

ग्वालियर/न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले चार दिन में दूसरी बार भीषण आग लग गई। यह आग इस बार विवि के परीक्षा भवन में लगी, जहां पर नई और पुरानी उत्तरपुस्तिकाएं रखी हुईं थी, जो जलकर खाक हो गई हैं। जबकि उत्तरपुस्तिकाओं के कुछ बंडल पानी डालने की वजह से खराब हो गए हैं। शुरुआत जांच में यह पता चला है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है, लेकिन इससे सच्चाई कितनी है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा। चर्चा यह भी चल रही है कि कहीं आग लगाई तो नहीं गई है।

जीवाजी विवि के परीक्षा में शुक्रवार की सुबह करीब 6 बजे कमरा नंबर 5 में आग की लपटें उठती देखकर शर्मा सर्विस सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षाकर्मियों ने सुपरवाइजर एवं विवि के अधिकारियों को सूचना दी। साथ ही दमकलदस्ते को भी इससे सूचित किया। परीक्षा भवन में आग लगने की खबर मिलते ही दमकल की एक के बाद एक दो गाडिय़ां मौके पर पहुंच गईं और दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के लिए पानी फेंकना शुरू कर दिया। इस दौरान विवि के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों व अमले ने चैनल व खिड़कियां तोडक़र अंदर घुसे और आग बुझाते रहे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। भीषण आग की वजह से यहां पर रखीं वर्ष 2018 जून माह में हुईं एमएड, बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएचएससी की द्वितीय व चतुर्थ वर्ष की परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं जलकर स्वाहा हो गईं तो वहीं अभी हाल ही में हुईं बीए, बीएससी और बीकॉम की द्वितीय व चतुर्थ वर्ष की उत्तरपुस्तिकाएं भी पानी गिरने से खराब हो गई हैं। हालांकि विश्वविद्यालय इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है और कह रहा है कि आग लगने से उत्तरपुस्तिकाएं पुरानी जली हैं। जबकि कई बंडल पानी की वजह से पूरी तरीके से खराब हो गए हैं। परीक्षा भवन में शुक्रवार की सुबह आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताया गया है। बताया जाता है कि गुरुवार को कर्मचारी अपने कक्ष को बंद करके गए थे लेकिन पंखा खुला छोड़ गए, रातभर पंखा चलने के कारण गर्म हो गया और आपस में तार चिपकने से शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। आग के कारण पंखे पर लगा प्लास्टिक का केप जलकर उत्तरपुस्तिकाओं पर गिर गया जिससे यह घटना हुई।

20 मिनट में टूटा ताला, इसलिए आग बुझाने में लगा समय


परीक्षा भवन में गोपनीय सामग्री रहती है, इसलिए सभी कक्षों को बंद करने के बाद सील किया जाता है। आज सुबह जब आग लगने की घटना हुई तो सुपरवाइजर ने कुलपति और कुलसचिव को सूचना दी। परीक्षा भवन का ताला संबंधित अधिकारी ही खोल सकता है, जिसके चलते आग पर काबू पाने में देरी हो गई थी। कुलपति ने तत्काल सुरक्षाकर्मियों को ताला खोलने के निर्देश दे दिए, जिसमें लगभग 20 मिनट का समय लग गया और आग पर काबू पाने के लिए 10 मिनट की देरी से दमकल पहुंची जिससे लगभग एक से दो घंटे बाद आग पर काबू पाया गया।

समिति करेगी जांच थमाए नोटिस

विवि के कुलसचिव डॉ. मंसूरी ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है, जिसमें डॉ. अविनाश तिवारी, डॉ. केशव सिंह गुर्जर, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आर.के.एस. तोमर एवं उप-कुलसचिव डॉ. राजीव मिश्रा को शामिल किया है। इसे लेकर समिति ने परीक्षा भवन के प्रभारी सुनील त्रिपाठी, शिक्षक अनिल श्रीवास्तव, भृत्य ओमप्रकाश पाल एवं मंगल सिंह कुशवाह को नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं दोपहर में समिति परीक्षा भवन पहुंची और जांच शुरू की। कर्मचारियों से पूछताछ भी की, जिसमें कर्मचारियों ने कहा कि हर रोज की तरह हमने पंखे बंद करके ताला लगा दिया था।

यहां भी नहीं चले फायर सिस्टम

विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से फायर सिस्टम लगाए गए हैं और इन फायर सिस्टमों को बदलने का काम भी अभी हाल ही में हुई आग लगने की घटना के बाद किया जा रहा था। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में 4 दिन पहले लगी आग में फायर सिस्टम की खामियां सामने आई थीं, जिस पर कुलसचिव ने बदलने के लिए कहा था लेकिन आज सुबह फिर से आग लगने के बाद जैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने काबू पाने के लिए फायर सिस्टम चलाए तो वह धोखा दे गए। एक फायर सिस्टम जरूर थोड़ा सा चला।

इनका कहना है

''आग लगने के कारण परीक्षा भवन में रखी उत्तरपुस्तिकाएं जल गई हैं। अन्य कमरों में रखीं सामग्री को भी नुकसान हुआ है। इसमें कितने का नुकसान हुआ है इसका आंकलन किया जा रहा है और इसकी जांच भी शुरू कर दी है। ''

-डॉ. आर.के.एस. सेंगर, रीक्षा नियंत्रक, जीवाजी विवि

''आग लगने की सूचना मिलने के बाद दो गाडिय़ां मौके पर पहुंची और समय रहते पानी फेंककर आग पर नियंत्रण कर लिया गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होना बताया गया है। आग में बीकॉम और बीए की उत्तरपुस्तिकाएं जली हैं तो कुछ पानी फायर करने से खराब हुई हैं।''

-अतिबल सिंह यादव, नोडल अधिकारी फायर ब्रिगेड

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