न खुदाई की गई न डाला पर्याप्त डामर, ऐसे तो उखड़ जाएंगी सड़कें
सड़कों का निर्माण मानक के अनुसार नहीं
ग्वालियर/न.सं.। शहर की खस्ता हाल सडक़ों की दशा सुधारने के लिए नगर निगम के द्वारा जिस कंपनी से सडक़ निर्माण का काम कराया जा रहा है। वह पहले से ही निगम के कागजों में दागी हो चुकी है। उसके बाद भी दागी कंपनी से निगम के अधिकारी महानगर के प्रमुख मार्गों की सडक़े उक्त ठेकेदार से बनवाई जा रही है। महानगर के सराफा बाजार की सडक़ की दशा सुधारने के लिए क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक को सामने आना पड़ा, तब यहां सडक़ निर्माण काम तो हुआ लेकिन उसकी गुणवत्ता जांचने का समय नगर निगम के अधिकारियों के पास नहीं था। नगर निगम के रिकार्ड में घटिया काम करने के कारण मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड पर प्रतिबंध लग चुका है। लेकिन उसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी इस कंपनी पर मेहरबान है।
सूत्रोंं की माने तो निगम के अधिकारी दागी कंपनी से इसलिए काम करवा रहे क्योंकि कंपनी पहले ही अधिकारियों को सेवा शुल्क अदा कर चुकी है। शहर के अन्य स्थानों पर बनने वाली सडक़ों का भी यही हाल है। कहीं एसएस मेटल के स्थान पर धूल मिली बारीक सफेद गिट्टी बिछाई जा रही है तो कही काली गिट््टी की जगह जीरा डामर में मिलाकर बिछाया जा रहा है। सडक़ निर्माण की गुणवत्ता को लेकर पहले भी उंगलिया उठ चुकी है। कई बार तो सामग्री के नमूने भी जांच के लिए भेजे गए लेकिन आज तक उनकी रिपोर्ट का पता नहीं चला। निगम से जुड़े सूत्रों की माने तो नमूनों की रिपोर्ट तो आई लेकिन उसे उजागर करने की जगह नष्ट कर दिया गया। जिससे घटिया काम कराने वाले ठेकेदारों और निगम के अधिकारियों पर कोई आंच नहीं आए। आज भी यही प्रथा चली आ रही है। जिसका नतीजा यह है कि सडक़े बनने के साथ ही दम तोडऩे लगती है।
आनन- फानन में डल रही है सड़क
सराफा बाजार से डीडवाना ओली और राम मंदिर से छप्परवाला पुल तक सड़क बिछाने का काम कर रही मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड इतनी तेजी से कर रही है, ताकि किसी की नजर न पड़े। इस सड़क का निर्माण एक करोड़ 20 लाख 15 हजार 752 रुपए में किया जा रहा है। लेकिन ठेकेदार इन सड़कों का निर्माण मानक के अनुसार नहीं कर रहा। ऐसे में यह सडक़ें बारिश के मौसम से पहले ही उखड़ जाएंगी।
गड्ढों को भरकर आठ बार रोलर चलवाना चाहिए
मानकों के अनुसार ठेकेदार को सड़क पर हुए गड्ढ़ों को गिट्टियों से भर कर उस पर आठ बार रोलर चलवाना चाहिए। इसके बाद अच्छे से सफाई करवाकर डामर बिछाकर उस पर 50 एमएम की बीएम मटेरियल (बड़ी गिट्टी और डामर मिलाकर) डालना होता है। इसके बाद 25 एमएम की एसडीबीसी मटेरियल (जीरा गिट्टी व डामर मिलाकर) की परत डालनी होती है। कुल दोनों परत की मोटाई करीब 75 एमएम रखनी होती है लेकिन ठेकेदार मानक के अनुसार काम नहीं कर रहा।
क्षेत्रीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
मै. प्रेस्टीजियस स्कोर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सरफ बाजार से छप्पर वाले पुल तक सडक़ा बिछाने का काम किया जा रहा रहा है। लेकिन क्षेत्रीय अधिकारी और मुख्य समन्वयक अधिकारी प्रेम पचौरी अभी तक यह देखने नहीं पहुंचे कि सड़क मानकों के अनुसार बन रही है या नहीं।
इनका कहना है
यदि सडक़ निर्माण में धांधली एवं अनियमितताएं हो रही हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित नहीं बल्कि बर्खास्त करवाऊंगा। सडक़ निर्माण में गुणवत्ता से किसी भी तरह से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
-प्रवीण पाठक
विधायक, ग्वालियर दक्षिण
शहर में जो भी सडक़े बनाई जा रही है, उन सब की जांच होनी चाहिए। नगर निगम के अधिकारी ठेकेदारों को फायदा पहुंचने के लिए आनन-फानन में सडक़े बनवा रही है। इन सबकी जांच होनी चाहिए, और जो भी दोषी पाया जाता है, उस पर सख्त कार्रवाई की जाए।
-कृष्णराव दीक्षित
नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम