छह घंटे पहले बना था खाना, इसलिए हुआ दूषित

छह घंटे पहले बना था खाना, इसलिए हुआ दूषित
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कैंप लगाकर किया लोगों का उपचार

ग्वालियर/न.सं.भितरवार के ग्राम सांखनी में दूषित खाना खाने से हाहाकार मच गया। 30 मार्च को हुई ग्राम में गंगाजी का भंडारा(मृत्यु भोज) आयोजित किया गया था। जिसे खाने के बाद गांव में लोग धीरे-धीरे बीमार होने लगे और शाम तक हालात इतने बिगड़े कि बीमार लोगों की संख्या 200 से भी अधिक हो गई। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ लोगों के बीमार होने पर प्रशासन में भी हडक़म्प मच गया और चिकित्सकों की टीम ने गांव में कैंप लगा कर कई लोगों को उपचार दिया। वहीं गंभीर रूप से बीमार लोगों को जयारोग्य के लिए रैफर किया गया। इधर स्वास्थ विभाग की टीम ने पीडि़त जनों की हालत को देखते हुए मृत्यु भोज के लिए बनाई गई मिठाई के नमूने भी लिए।


ग्राम सांखनी निवासी लखन लाल पंडा की मृत्यु हो गई थी। इसी के चलते उनके पुत्र विनोद पंडा ने शनिवार 30 मार्च को गांव में मृत्यु भोज का आयोजन किया था। इसमें पूरे गांव को न्यौता दिया गया, भोजन में पूड़ी, सब्जी सहित मिठाई बनाई गई थी। भंडारा शनिवार की शाम तक चला, इसमें लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की थी। खाना खाने के बाद शनिवार-रविवार की रात को गांव के लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। उस समय कोई भी कुछ समझ नहीं आया। बच्चे, जवान सहित बड़ी संख्या में लोग बीमार होना शुरू हो गए। गांव के अधिकांश घरों में चीख-पुकार मचनी शुरू हो गई। उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की शिकायतों को लेकर लोग घरों के बाहर दौडऩे लगे। रविवार की सुबह होते-होते हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए और शाम तक बीमार लोगों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों में हडक़ंप मच गया। मौके पर पहुंची चिकित्सकों ने टीम ने कुछ लोगों को भितरवार स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जबकि कई मरीजों को एम्बुलेंस से डबरा भेजा गया है। इसके साथ ही स्थिति को नियंत्रण करने के लिए चिकित्सकों ने ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में शिविर लगा कर भी लोगों को उपचार दिया। इधर कुछ गंभीर मरीज अपनी निजी साधनों से गंभीर हालत में उपचार कराने के लिए ग्वालियर भी पहुंचे। प्रशासनिक अमले में एसडीएम अशोक सिंह चौहान, एसडीओपी दिलीप जोशी, तहसीलदार कुलदीप दुबे, नायब तहसीलदार ज्योति जाटव, बीएमओ डॉ. यशवंत शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एसएल माहौर एवं राजस्व अमले के साथ पुलिस बल भी गांव में स्थिति को नियंत्रण करने पहुंचा।

भितरवार में इन लोगों का किया गया इलाज

गिर्राज शर्मा 19वर्ष, छोटेलाल मिश्रा 32 वर्ष, नंबर किशोर तिवारी 22 वर्ष, नरेंद्र रावत 22 वर्ष, गोविंद कोठियां 23 वर्ष, प्रह्लाद गॉड 29 वर्ष, हरी 40 वर्ष, अमर सिंह 40 वर्ष, नरेंद्र गॉड 23 वर्ष, कप्तान गॉड 30 वर्ष, जितेंद्र सूर्यवंशी 22 वर्ष, आशुतोष 15 वर्ष, गिर्राज 0 5 वर्ष, मनीष गॉड 18 वर्ष, चौके लाल 40 वर्ष, पंकज गॉड 22 वर्ष,राधेश्याम गॉड 33 वर्ष, भगवती सोनी 55 वर्ष, गौरव 16 वर्ष, इन सभी मरीजों को ग्राम सांंखनी से प्राथमिक उपचार देने के बाद भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया।

हालात बिगड़े तो अलर्ट हुआ प्रशासन


खाना खाने के कुछ घंटे बाद लोगों की तबियत खराब होने लगी थी। देखते ही देखते गांव में बीमार होने वाले लोगों की संख्या बढऩे लगी। लोगों ने सोचा की गर्मी की वजह से तबियत खराब हुई है। जब संख्या अधिक बढ़ी तो गांव वाले परेशान होने लगे और उन्होंने तत्काल प्रशासन को इसकी सूचना दी। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुंचा और बीमार लोगों का उपचार करना शुरू किया। जिन लोगों की हालात खराब थी, उन्हें उपचार के लिए ग्वालियर भेजा गया।

इन्हें किया जयारोग्य रैफर

गुड्डी बाई 45 वर्ष, रेशमा 45 वर्ष, गोविन्द 31, नरेन्द्र 23, राधेश्याम 40, रामवती 30, प्रहलाद 29, दीपू 28, पंकज 30, वासुदेव 40, संतोष 14, आशुतोष 15, सचिन 14 को जयारोग्य चिकित्सालय रैफर किया गया, जहां पॉयजन वार्ड में मरीजों को भर्ती कराया गया।

इनका कहना है

''ग्रामीणों द्वारा फूड पॉयजनिंग संबंधी जानकारी दी गई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में भेजकर सभी का उपचार कराया गया और देर शाम तक सभी की स्थिति नियंत्रण में है। कुछ लोगों को उपचार के लिए ग्वालियर भेजा गया है।''

-अशोक सिंह चौहान

एसडीएम भितरवार

''ग्रामीण जन द्वारा 6 घंटे से अधिक समय के पूर्व का बना हुआ खाना खाया गया, जिसके कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है, क्योंकि 6 घंटे से अधिक समय के पूर्व के खाने में जीवाणु उत्पन्न हो जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं और उसका कारण यह बनता है कि हमें बुखार आने लगता है, सिर दर्द होने लगता है। पेट दर्द होने लगता है और उल्टी दस्त आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।''

-डॉ. मृदुल सक्सेना

मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी

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