निजी हाथों दिए जाएंगे शहर के उद्यान

निजी हाथों दिए जाएंगे शहर के उद्यान
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शहर के उद्यानों की रौनक में लगेंगे चार चांद, नगर निगम उठाएगा यह कदम

ग्वालियर,न.सं.। शहर के उद्यानों की रौनक में निजी कंपनियों को चार चांद लगाने का मौका मिलेगा। नगर निगम ने बड़े पार्कों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी निजी हाथों में सौंपने का मन बनाया है। नगर निगम की वित्तीय स्थिति और उद्यानों की दुर्दशा को सुधारने की दृष्टि से निगम के उद्यानों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली गई है। जिसके तहत शहर के 100 उद्यान अब निगम के नहीं रहेंगे। यहां पेड़ पौधे लगाने से लेकर उसका सारा रख-रखाव ठेकेदार को करना होगा। अभी तक निगम की उद्यानिकी शाखा यह काम देखती थी। निगम हर साल पार्कों पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। लेकिन इन दिनों निगम की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण अब नगर निगम ने ऐसे विकल्प ढूढऩा शुरू कर दिए हैं, जिससे निगम की आय हो। पार्कों की हालत सुधारने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए निगम ने यह फैसला लिया है।

शहर में वर्तमान में लगभग 400 पार्क हैं। इनमें लगभग 70 पार्क ऐसे हैं, जिनकी देखभाल नगर निगम कर रहा है। बाकी पार्कों में मेंटीनेंस न के बराबर है। कहीं झाडिय़ा उग रही हैं तो कहीं पौधे सूख रहे हैं। यह व्यवस्था लागू होने से मेंटीनेंस की जिम्मेदारी तय हो जाएगी और लोगों को नई सुविधा भी मिल जाएगी। ठेका लेने वाली फर्म को पौधे लगाने से लेकर खाद-पानी और सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी।

25 करोड़ का होगा टेंडर-

निगम सूत्रों के मुताबिक उद्यानों के रख-रखाव के लिए अभी दो करोड़ का एक टेंडर मिठास ठेकेदार के नाम था। जिसे निरस्त कर संपूर्ण उद्यानों के रखरखाव के लिए 25 करोड़ के टेंडर जाने की गुप्त सूचना है। फिलहाल अभी विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं कराई गई है। किंतु मोटे तौर पर माना जा रहा है कि किसी ठेकेदार को यह टेंडर देना तय हो चुका है।

दो अधिकारी बना रहे योजना-

निगम सूत्रों के मुताबिक निगमायुक्त संदीप माकिन ने उद्यानों के रख-रखाव से परेशान होकर उन्हें निजी हाथों में देने के लिए योजना तैयार करने की जिम्मेदारी सहायक यंत्री पवन सिंघल एवं रामू शुक्ला को दी है। इन दोनों इंजीनियरों ने इस पर काम शुरू करते हुए अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपने की तैयारी कर ली है।

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