गणेशोत्सव पर नहीं सजेंगे पंडाल, ऑनलाइन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

गणेशोत्सव पर नहीं सजेंगे पंडाल, ऑनलाइन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
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ग्वालियर, न.सं.। त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। अगले माह गणेश उत्सव मनाया जाने वाला है। गणेश उत्सव पर गणपति जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की जाती रहीं हैं। साथ ही एक से बढक़र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और भण्डारों का आयोजन होता रहा है। लेकिन इस बार शहर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण शहर में कहीं भी गणपति जी की बड़ी प्रतिमाएं स्थापित नहीं की जाएंगी और न ही पंडाल लगाए जाएंगे। प्रशासन ने आदेश दिया है कि मूर्तियों की ऊँचाई एक फुट से अधिक नहीं होगी। मूर्तियों को घर में ही स्थापित किया जाकर घर के अंदर ही विसर्जन किया जाएगा। वहीं अचलेश्वर महादेव मंदिर पर शहर के सबसे बड़े गणपति की जो स्थापना होती थी, वह भी नहीं होगी। वहीं शहर की सामाजिक संस्थाओं ने निर्णय लिया है कि गणेश उत्सव से संबंधित जितने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे वह वेबीनार के माध्यम से ऑनलाइन किए जाएंगे।



गणेश प्रतिमाओं के नहीं मिल रहे आर्डर:-

कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा है। सभी तीज- त्यौहार फीके हो रहे हैं। अगस्त माह में गणेश उत्सव मनाया जाने वाला है, लेकिन शहर के मूर्तिकारों को कोरोना के कारण गणेश जी की प्रतिमा बनाने के आर्डर नहीं मिल रहे हैं। जिससे मूर्तिकार आर्थिक संकट में आ गए हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है और लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। गणेश जी की एक-एक प्रतिमा 5 हजार से लेकर 50 हजार रुपए में बिकती है। अब यह मूर्तिकार केवल गणेश जी की छोटी-छोटी प्रतिमा ही बना रहे हैं।

बाजार रहेंगे सूने:-

गणेश उत्सव शुरू होते ही बाजारों में रौनक शुरू हो जाती थी और बाजार दुल्हन की तरह सज जाते थे। लेकिन इस बार शहर के बाजार सूने रहेंगे। यहां किसी प्रकार का कोई उत्सव नहीं होगा। गणेश उत्सव के दौरान दौलतंगज, पाटनकर बाजार, महाराज बाड़ा और सराफा क्षेत्र फीके रहेंगे।

नहीं लग सकेंगे पंडाल:-

कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने कहा कि धारा 144 आदेश के तहत कोई भी धार्मिक कार्यक्रम सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा। शहर में गणेश प्रतिमा के लिए कहीं भी पंडाल नहीं लगाए जाएंगे। प्रशासन के अनुसार किसी भी प्रकार का धार्मिक जुलूस, रैली, भण्डारे और झांकी नहीं निकाली जाएगी।

ऑनलाइन मनेगा गणेश उत्सव:-

इस बार का गणेश उत्सव ऑनलाइन होगा। मोबाइल पर ही गणपति जी के दर्शन किए जाएंगे। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी ऑनलाइन होंगे। इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागी अपनी प्रतिभा को मोबाइल पर ऑनलाइन प्रदर्शित करेंगे। मोबाइल पर ही जज प्रतिभागियों को विजयी घोषित करेंगे और मोबाइल पर ही प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

इनका कहना है:-(फोटो हैं)

'मंदिर पर पिछले 24 वर्षों से गणपति जी की स्थापना की जा रही थी, लेकिन इस बार प्रतिमा स्थापित नहीं होगी। राम दरबार में गणपति जी का जो मंदिर बना है, वहीं पूजा अर्चना होगी।'

भुवनेश्वर वाजपेयी,सचिव, श्री अचलेश्वर न्यास

'गणेश उत्सव सादगी पूर्ण मनाएंगे। छोटी प्रतिमाओं को स्थापित करेंगे। किसी प्रकार की भीड़ नहीं की जाएगी। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम ऑनलाइन होंगे। '

नितिन वालम्बे,सचिव, महाराष्ट्र समाज ग्वाल्हेर

'गणेश उत्सव की रूपरेखा शीघ्र ही बैठक में तय करेंगे। कोरोना के कारण इस बार उत्सव सामान्य होगा। पूजा के अलावा शेष कार्यक्रम ऑनलाइन होंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब उत्सव बहुत छोटे रूप में मन रहा है।'

श्रीमती प्रतिभा सदानंद भागवत, अध्यक्ष, सरस्वती संघ

'पिछले 25 वर्ष से मूर्ति बना रहे हैं। आज जैसा दौर कभी नहीं आया। गणपति की कैसी भी मूर्ति बनाने का आर्डर नहीं आ रहा है। हम छोटी प्रतिमाएं ही बना रहे हैं। '

कल्लू प्रजापति,मूर्तिकार

'मूर्ति बेचकर हमारा घर अच्छे से चल जाता था। लेकिन कोरोना के कारण हमारा पूरा वर्ष ही खराब हो गया है। मूर्ति के कोई आर्डर नहीं आ रहे हैं। रोजी-रोटी का संकट बढ़ रहा है।'

पन्नालाल रमैया,मूर्तिकार

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