छात्रों ने जाना कथक में रायगढ़ घराने का योगदान

ग्वालियर। राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कथक नृत्य विभाग द्वारा ऑनलाइन अंतराष्ट्रीय कथक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्विद्यालय के फूक पर किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कथक नृत्यांगना डाँ. चेतना व्योहार ने भाग लिया।
डॉ चेतना ने कथक नृत्य का रायगढ़ घराना विषय पर अपना व्याख्यान दिया। रायगढ़ घराने को कथक जगत में अग्रणीं बनाने के लिए तत्कालीन राजा चक्रधर के प्रयासों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने इस घराने से जुड़े कार्तिक राम ,कल्याण दास, फिरतु महाराज, और बरमन लाल के योगदान एवं कार्यों की जानकारी दी। डॉ चेतना ने राजगढ़ घराने के कथक जगत में उद्भव के साथ ही कथक नृत्य से जुड़े महत्वपूर्ण ग्रंथों की जानकारी भी विद्यार्थियों को दी। इस अवसर पर उन्होंने"चंद्रवदन मृग गोचन दामिनी गोती गोरी" पर प्रस्तुति भी दी।
कार्यशाला का आयोजन राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कथक विभाग की एचओडी डॉ अंजना झा ने किया । कार्यक्रम के अंत में उन्होंने डॉ चेतना एवं कुलपति शिव शेखर शुक्ल का आभार व्यक्त किया।