जेब में रुपए नहीं तब भी कटेगा जुर्माना, क्यूआर कोड स्कैन कर लेंगे राशि
ग्वालियर। ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों अब जेब में रुपए न होने का बहाना नहीं बना पाएंगे। झांसी रेल मंडल में बिना टिकट यात्रा करते पकड़े जाने पर अब यात्रियों से क्यूआर कोड स्कैन कर जुर्माने की राशि ली जाएगी। जुर्माना वसूलने के लिए रेलवे स्क्वाड और टीटीई को 120 एचएचटी मशीन दे दी गई है। अब तक ये सुविधा ट्रेन में थी, अब इसको रेल मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर भी लागू किया जा रहा है।
देशभर में डिजिटल पेमेंट से भुगतान का रुझान बढ़ा है। रेलवे में भी अब जुर्माने की राशि जमा करने के मामले में डिजिटल हो गया है। जुर्माना नहीं भरने पर यात्रियों को जेल तक जाना पड़ता था। जेब में कैश नहीं होने की वजह से भी यात्रियों को समस्या आती थी डिजिटल पेमेंट की सुविधा होने से रेल कर्मियों का काफी समय बच रहा है। एचएचटी मशीन को स्टाफ में वितरित किया गया है। क्यूआर कोड के जरिए जुर्माना भरने की सुविधा से कागज की भी बचत होगी। आरोप लगते थे कि जुर्माना वसूलने के बाद टिकट चेकिंग स्टाफ राशि को पास रख लेते थे, अब बार कोड के जरिए जुर्माना सीधे रेलवे खाते में पहुंच जाएगा। इससे रेलवे के राजस्व की बढ़ोतरी भी होगी।
ऐसे करेंगे कोड जनरेट
चेकिंग स्टाफ मशीन में यात्री के सफर की डिटेल्स भरकर क्यूआर कोड जेनेरेट करेगा। यात्री क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन कर जुर्माने का भुगतान कर सकेगा। नई व्यवस्था से लेनदेन में पारदर्शिता का महत्वपूर्ण पहलू है। चेकिंग स्टाफ पर अवैध उगाही का भी आरोप नहीं लग सकेगा। डिजिटल भुगतान की सुविधा आसान होने से अब जेब में नकदी रखने का चलन घट गया है। लोग चोरी या गुम होने के डर से कैश नहीं रख रहे हैं। लोगों के बदलते रुझान को देखते हुए रेल यात्रियों से जुर्माने की राशि ऑनलाइन वसूली शुरू हो रही है।