ग्वालियर : राजा मानसिंह विश्विद्यालय में अय्योजित हुआ ऑनलाइन सेमिनार
ग्वालियर l राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कत्थक सेमिनार की श्रंखला में "आर एम टी कथक डांस डिपार्टमेंट ग्रुप" फेसबुक पेज पर चल रहा है l आज सेमीनार का छठे दिन ये सेमिनार दो चरणों में आयोजित हुआ l पहले चरण में अदिति मंगल दास ने "कत्थक थ्रू अनदर लेंस " विषय पर व्यख्यान दिया l उन्होंने बताया की कभी-कभी जीवन आपको एक अलग तरीके से पेश करता हैं, और हम सभी में कई कमियां होती हैं। जीवन में कुछ भी हमेशा पूर्ण नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा है "पूर्णता एक भ्रम है" साथ ही उन्होने यह बताया कि- जीवन एक रचनात्मक चिंगारी को खोजने के बारे में है, जो हमारे पास वास्तविकता के माध्यम से उत्कृष्ट होता है ।हमे एक अलग दृष्टि के माध्यम से कविता को देखना है और कैसे यह संभव है कि हम अपनी कमजोरी को अवसर में बदल सके।
सेमिनार के दूसरे चरण में प्रेरणा श्रीमाली ने - " कत्थक और समकालीन कलाएं " विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया की कत्थक में साहित्य का बहुत महत्व है। इसमे कविताएं ,पारंपरिक ठुमरियाँ, भक्ति साहित्य , रीतिकालीन साहित्य है जिसमें श्रृंगार रस की रचनाएं हैं । आज के युवाओं को यह सारी पारंपरिक चीजों को ऊपर ले कर आना चाहिए , और इन साहित्य पर काम करना चाहिए ।उन्होंने यह भी बताया कि कलाएं कभी अकेली नहीं चलती यह दूसरी कलाओं को भी अपने साथ लेकर चलती है ।अर्थात कलाओ के संगम से ही एक कला बनती हैं ,जैसे नृत्य में संगीत ,साहित्य, तबला आदी वाद्यों इत्यादि चीजों का मेल होता है तब जाकर एक नृत्य पूर्ण होता है।इस सेमीनार का आयोजन कत्थक विभाग की अध्यक्ष डॉ अंजना द्वारा किया जा रहा है l व्याख्यान के अंत में उन्होंने दोनों अतिथियों एवं कुलपति पंकज राग का आभार व्यक्त किया l