ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश की चेतावनी, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
ग्वालियर। पिछले तीन दिनों से गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी मप्र पर बना हुआ है। जिसके चलते ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में भारी बारिश हो रही है। वर्तमान में भी सिस्टम अपने स्थान पर स्थिर बना हुआ है, लेकिन कुछ कमजोर पडक़र कम दाबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इस वजह से ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। विशेषकर गुना और श्यौपुरकलां में अति वृष्टि होने की भी आशंका है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि गहरा कम दबाव का क्षेत्र कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है, लेकिन यह वेदर सिस्टम अभी भी उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश में गुना-ग्वालियर के आसपास स्थिर है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार मिल रही नमी के कारण यह सिस्टम लगातार मजबूत स्थिति में है। इस वजह से पहले ही बाढ़ से घिरे श्योपुरकलां और गुना जिले में बुधवार को भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा ग्वलियर, दतिया, भिंड, मुरैना, अशोकनगर, उज्जैन, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर, शाजापुर जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। रीवा, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, इंदौर संभाग के जिलों में भी कहीं-कहीं तेज बौछारें पडऩे के आसार हैं। गुना और श्योपुरकलां में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में ग्वालियर-गुना के आसपास कम दबाव का क्षेत्र बना है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास बना हुआ है। इस तरह इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से बारिश का सिलसिला बना हुआ है। साथ ही औसत 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी भी आ रही है। इससे राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक बौछारें पडऩे की संभावना है।