जिलाधीश के निर्देश पर दिखावे के लिए जारी किए आदेश
ग्वालियर, न.सं.। प्रदेश भर में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लेकिन जिले में मृत्यु दर की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जिसको लेकर पिछले दिनों जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिले में पदस्थ सभी एएनएम के अटेचमेंट निरस्त करने के निर्देश दिए थे।
निर्देश मिलते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा द्वारा अटेचमेंट भी निरस्त किए। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए की गई। क्योंकि सीएमएचओ डॉ. शर्मा द्वारा एक सप्ताह के अंदर भी 58 एएनएम को उसी जगह भेज दिया, जहां उनका अटेचमेंट है।
दरअसल पिछले दिनों 4 अप्रैल को जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने समीक्षा बैठक में मातृ-शिशु मृत्यु दर की स्थिति खराब होने पर नाराजगी व्यक्त की थी। बैठक में सामने आया था कि जिले में पदस्थ अधिकांश एएनएम के अटेचमेंट अन्य संस्थाओं में हैं। जिसको लेकर जिलाधीश ने सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिला मुख्यालय पर कोई भी एएनएम अटैच न रहे। सभी एएनएम को तत्काल भारमुक्त करें। उधर जिलाधीश की नाराजगी को देखते हुए सीएमएचओ डॉ. शर्मा द्वारा 4 व 7 अप्रैल को अलग-अलग आदेश जारी करते हुए 75 एएनएम का अटेचमेंट निरस्त करते हुए मूल पदस्थापना स्थल पर पहुंचने के निर्देश भी दिए। लेकिन एक सप्ताह के भतीर ही सीएमएचओ द्वारा आदेश जारी करते हुए 68 एएनएम का अटेचमेंट यथावत कर दिया। ऐसे में अन्य एएनएम का कहना है कि उनके साथ पक्षपात किया गया है। अगर अटेचमेंट निरस्त किए गए हैं तो सभी के किए जाने चाहिए।
काम प्रभावित न हो इसलिए किए निरस्त
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. शर्मा का कहना है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ 16 एएनएम ऐसी है, जिनका अटेचमेंट शहरी क्षेत्र में था। इसमें आठ स्थाई व आठ संविदा की शामिल हैं। इसलिए उक्त एएनएम के अटेचमेंट निरस्त किए गए हैं। जबकि अन्य एएनएम शहरी क्षेत्रों में ही पदस्थ हैं, लेकिन अटेचमेंट शहरी क्षेत्र की ही अन्य संस्थाओं में हैं। ऐसे में अटेचमेंट निरस्त करने से काम प्रभावित हो रहा था। इसलिए शहरी क्षेत्र की एएनएम के अटेचमेंट यथावत किए गए हैं।
बीज विकास निगम अध्यक्ष के पत्र का भी नहीं हुआ कोई असर
जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों व स्टाफ का अटेचमेंट निरस्त कर वापस जिला अस्पताल भेजने के लिए एक सप्ताह पूर्व राज्य बीज एवं फार्मा विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने जिलाधीश को पत्र लिखा था। अध्यक्ष श्री गोयल ने कहा था कि 20 ऐसे चिकित्सक, फर्मासिस्ट, वार्ड वाय सहित अन्य कर्मचारियों है, जिनकी तैनाती तो जिला अस्पताल में है और वेतन भी जिला अस्पताल से ही निकलता है। लेकिन अटेचमेंट दूसरे अस्पताल व सीएमएचओ कार्यालय में है। उन्होंने सभी को वापस जिला अस्पताल भेजने के लिए कहा था। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी सीएमएचओ द्वारा जिला अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मचारियों को वापस ही नहीं किया गया। जिसको लेकर सीएमएचओ पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।