शताब्दी की बेस किचन सहित खाने की गुणवत्ता की जांच करेंगे रेलवे अधिकारी
ग्वालियर,न.सं.। रेलवे ने आखिरकार ट्रेनों के केटरिंग सर्विस की सुध ली है। दरअसल, रेलवे मदद एप पर सबसे अधिक शिकायतें खान-पान के स्तर और केटरिंग सेवाओं को लेकर दर्ज की जा रही है। अब इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में रेलवे बोर्ड ने पहल की है।
आने वाले 10 दिनों तक सभी जोन के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर को बेस किचन, किचन और केटरिंग सेवाओं से जुड़े सभी पहलुओं की बारीक जांच के आदेश दिए गए हैं। अभियान की शुरुआत हो गई है। रेलवे की व्यवस्था में पिछले कुछ सालों में बेहतर हुई है। ट्रेनों के टाइमिंग, कोच और सीटों का स्तर सुधरा है। साफ-सफाई की व्यवस्था भी दुरुस्त हुई है। खासकर बड़े स्टेशनों के प्लेटफॉर्म में साफ- सफाई की व्यवस्था काफी बेहतर हुई है, लेकिन ट्रेनों और प्लेटफॉर्म में खान-पान की व्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें आती रही हैं। सामान्य ट्रेनों के यात्री खान-पान और केटरिंग सर्विस से परेशान रहते ही हैं।
इसे लेकर रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। चूंकि ट्रेनों मेें खाना मुहैया कराने के लिए रेलवे ने आईआरसीटीसी से करार किया है। ऐसे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अगले 10 दिनों तक प्रीमियम ट्रेनों में बेस किचन और किचन की जांच करेंगे। इस दौरान सेवाओं में कमी पाए जाने पर आईआरसीटीसी के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी सख्त आदेश दिए गए हैं।
इनकी करनी होगी जांच
- सभी किचन और बेस किचन में एफएसएसएआई और आईएसओ का प्रमाण पत्र और खाने के सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट है या नहीं। साथ ही किचन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं या नहीं और वे काम कर रहे हैं या नहीं।
- अधिकारी जांच करेंगे कि खान-पान का सामान कहां से लिया जा रहा है और उसकी गुणवत्ता कैसी है?
- खाना बनाने के उपकरणों की उपलब्धता, साफ-सफाई और यात्रियों को बिल दिया जा रहा है या नहीं?
खान-पान की गुणवत्ता से बिल्कुल भी समझौता नहीं किया जाएगा। रेलवे द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
मनोज कुमार सिंह
जनसंपर्क अधिकारी
झांसी मंडल