बिरला नगर प्रसूति गृह की पैथोलॉजी बनी कलेक्शन सेन्टर
ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकें। इसके लिए विधायक प्रधुम्न सिंह तोमर तमाम प्रयास करने में लगे हुए हैं। लेकिन जिम्मेदार विधायक के प्रयासों पर पानी फेरने का काम करने में लगे हुए हैं। यही कारण है कि श्री तोमर की विधानसभा क्षेत्र में संचालित बिरला नगर प्रसूति गृह में पहुंचने वाली महिलाओं व बच्चों को जांच रिपोर्ट के आभाव में उपचार नसीब नहीं हो पा रहा है। दरअसल बिरला नगर प्रसूति गृह में प्रतिदिन 150 से 200 प्रसूताओं व गर्भवती महिलाओं के अलावा बच्चे उपचार के लिए पहुंचते हैं। लेकिन प्रसूति गृह में रक्त की जांच सुविधा पूरी तरह चौपट होती जा रही है। अगर किसी मरीज की जांच चिकित्सक द्वारा कराई जाती है तो उसकी रिपोर्ट चार से पाच दिन बाद मिलती है।
क्योंकि प्रसूति गृह की पैथोलॉजी कलेक्शन सेन्टर बन कर रह गई है। यहां से आउट सोर्स कम्पनी ने अपने स्टाफ को बैठा रखा है, जो मरीज के रक्त का नमूना जांच के लिए लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह लेकर जाते हैं। जहां से रिपोर्ट आने में चार से पाच दिन तक का समय लग जाता है। इतना ही नहीं सीबीसी की छोटी सी जांच रिपोर्ट भी तीन दिन बाद ही मिलती है। ऐसे में मरीज उपचार कराने के लिए मजबूरन या तो निजी पैथोलॉजी पर जांच कराते हैं या फिर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। इतना ही नहीं पैथोलॉजी की व्यवस्था से प्रसूति गृह के चिकित्सक भी परेशान है। चिकित्सकों का कहना है कि कई बार जांच रिपोर्ट के आधार पर ही मरीज का ट्रिटमेंट लिखा जाता है। लेकिन रिपोर्ट देरी से मिलने से मरीज को सही उपचार नहीं लिख पाते हैं।
ऑपरेशन में होती है सबसे ज्यादा परेशानी
प्रसूति गृह में प्रतिदिन दो से तीन प्रसव होते हैं। साथ ही ऑपरेशन भी किए जाते हैं। लेकिन कई बार ऐसे मरीज भी भर्ती होते है, जिनकी ऑपरेशन से पहले इमरजेंसी में कुछ जांचे करानी पड़ती है। लेकिन बिगड़ी जांच व्यवस्था के कारण चिकित्सक भी मजबूरन मरीज को मुरार जच्चा खाने या कमलाराजा अस्पताल रैफर कर देते हैं।
पैथोलॉजी का स्टाफ भी परेशान
प्रसूति गृह की पैथोलॉजी में आउट सोर्स कम्पनी के स्टाफ के अलावा स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ भी पदस्थ है। स्टाफ का कहना है कि एएनसी की जो 12 प्रकार की जांचे होती हैं, उनकी रिपोर्ट तो कुछ घंटों में ही मरीजों को दे दी जाती है। लेकिन आउट सोर्स कम्पनी की जांच रिपोर्ट पाच दिन बाद तब आती है। आउट सोर्स कम्पनी से पैथोलॉजी में सिर्फ दो स्टाफ को बैठा रखा है, जो सिर्फ सेम्पल लेने का काम करते हैं।
पूर्व में यह थी व्यवस्था
बिरला नगर प्रसूति गृह में पैथोलॉजी ठेके पर जाने से पूर्व जांच के लिए महिलाओं को सिविल अस्पताल भेजा जाता था। जबकि सीबीसी सहित कुछ जरूरी जांचे प्रसूति गृह में ही की जाती थीं। लेकिन जब से आउटसोर्स एजेंसी ने पैथोलॉजी सम्भाली है तभी से जांच व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है।
सीएमएचओ को भी करा चुके हैं अवगत
पैथोलॉजी की बिगड़ी व्यवस्था को लेकर अस्पताल के चिकित्सक कई बार सीएमएचओ डॉ. आर.के. राजोरिया को पत्र भी लिख चुके हैं। इतना ही नहीं चिकित्सकों का कहना है कि जब से पैथोलॉजी का काम आउटसोर्स कम्पनी को दिया गया है तभी से व्यवस्थाएं बिगड़ती जा रही है। साथ ही आउटसोर्स कम्पनी के कर्मचारी चिकित्सकों की सुनते भी नहीं हैं। उसके बाद भी जिम्मेदारों को मरीजों की परेशानी नहीं दिखाई दे रही।
सीबीसी की जांच करानी पड़ी बाजार से
गोले का मंदिर निवासी सोली उपचार के लिए बिरला नगर प्रसूति गृह पहुंची थी। सोली का कहना है कि चिकित्सक ने सीबीसी सहित कुछ अन्य जांचे लिखी थी। पैथोलॉजी के स्टाफ ने उन्हें बताया कि जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन बाद ही मिल सकेंगी। जबकि उन्हें परेशानी ज्यादा हो रही थी। इसलिए मजबूरन निजी पैथोलॉजी पर एक हजार रुपए खर्च कर जांच करानी पड़ी।
मरीजों की जांच रिपोर्ट समय पर मिले, इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। साथ ही एजेंसी को भी निर्देश दिए जाएंगे कि जांच का हव सेन्टर को बदला जाए।
डॉ. आर.के. राजोरिया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी