न्यायमूर्ति माहेश्वरी के बुलावे पर अधिवक्ता परिषद की कलम बंद हड़ताल स्थगित
ग्वालियर। राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा उच्च न्यायालय के खिलाफ तीन दिवसीय कार्य से विरत रहने के तीसरे दिन कलम बंद हड़ताल टूट गई। दरअसल इस हड़ताल को तोडऩे के लिए जहां उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक आदेश जारी कर दिया गया, वहीं महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने भी सभी उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों के शासकीय अभिभाषकों को न्यायालय में उपस्थित रहने के निर्देश दिए। जिससे अभिभाषकों की फूट उजागर हुई और तमाम शासकीय अभिभाषक न्यायालय में पैरवी करने जा पहुंचे। इस बीच उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी के बुलावे पर राज्य अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों ने नई दिल्ली पहुंचकर उनसे मुलाकात की। जिसमें उन्होंने कलम बंद हड़ताल स्थगित करने को कहा जिसे परिषद के सदस्यों ने मान लिया और अब रविवार 26 मार्च को दोपहर 12 बजे आपात बैठक बुलाई गई है जिसमें आगामी रूपरेखा पर निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ द्वारा 25 महत्वपूर्ण फाइलों के जल्द निपटारे को लेकर राज्य अधिवक्ता परिषद विरोध में उतर आया है। उनके द्वारा समस्त न्यायालयों में 23 से 25 मार्च तक कार्य से विरत रहने की घोषणा की गई जिसके तहत दो दिन प्रदेशभर के न्यायालयों में अभिभाषक काम पर नहीं आए जिससे बड़े स्तर पर न्यायालयीन कार्यवाही प्रभावित हुई। इस बीच मुख्य न्यायाधीश द्वारा कार्य से विरत रहने वाले अभिभाषकों को हिदायत देकर एक आदेश जारी किया गया जिसमें उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने भी सभी शासकीय अभिभाषकों को आवश्यक रूप से न्यायालय में उपस्थित रहकर पैरवी करने को कहा। इसका परिणाम यह रहा कि शनिवार को उच्च न्यायालय और जिला एवं सत्र न्यायालय में तमाम शासकीय अभिभाषक न्यायालय में पैरवी करते दिखे।
इस बीच राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया, पूर्व अध्यक्ष विवेक सिंह, विजय चौधरी, राधेलाल गुप्ता, मनीष तिवारी, सुनील गुप्ता, जयप्रकाश मिश्र आदि उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेंद्र माहेश्वरी से नई दिल्ली में मिले। श्री भदौरिया ने बताया कि न्यायमूर्ति श्री माहेश्वरी ने उन्हें समझाइश दी कि तीन दिन तक कार्य से विरत रहने का समय पूर्ण चुका इसलिए अब सभी अभिभाषकों को काम पर लौट आना चाहिए। साथ ही उन्होंने न्यायालय में विचाराधीन मामलों के आंकड़े भी मांगे हैं इसलिए उनके कहने पर हम सब बैठकर इस मामले का निष्कर्ष निकालेंगे। इसके लिए रविवार को दोपहर 12 बजे राज्य अधिवक्ता परिषद की आभासी बैठक होगी। इस बीच जबलपुर के वरिष्ठ अभिभाषक मृगेंद्र सिंह ने एक संदेश वायरल किया जिसमें कहा गया कि वे नई दिल्ली में न्यायाधिपति के कार्यालय में बैठे रहे। वहां किसी तरह की बैठक नहीं हुई तो वह निराश होकर लौट आए। इसपर अध्यक्ष प्रेम सिंह भदोरिया ने कहा कि हम सब श्री माहेश्वरी के यहां अंदर कक्ष में बैठे थे यदि मृगेंद्र सिंह ने वहां अधिवक्ता परिषद का सदस्य बताया होता तो उन्हें भी अंदर बुलाया जाता, इसलिए उनका संदेश सही नहीं है। वही श्री भदौरिया ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय और जिला एवं सत्र न्यायालय में शनिवार को कौन-कौन शासकीय अभिभाषक न्यायालय में उपस्थित हुआ इसकी जानकारी एकत्रित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी