ग्वालियर में योग को कई लोगों ने बनाया जीवन का हिस्सा, कहा- बदल दी जिंदगी, रोग से मिली मुक्ति
- ग्वालियर में योग दिवस पर लोगों ने शेयर किए अनुभव
- शुभम चौधरी
ग्वालिय/वेबडेस्क। हम सभी की जिंदगी की गाड़ी तेजी से भाग रही है। सुबह उठते ही परिवार और काम-धंधे की चिंता सताने लगती है। घर से लेकर बाहर तक का तनाव, हमारी जिंदगी कहीं ठहरती नजर नहीं आ रही है। आपाधापी भरी जिंदगी में अनियमित भोजन, ज्यादा तेल और मशाला युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन या फिर काम की व्यस्तता । हम अपनी जिंदगी में शरीर पर ध्यान देना भूलते जा रहे हैं, यही वजह है कि हम कई बीमारियों के चंगुल में फंसे हुए हैं। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित योग ही एक उपचार है। सुबह में कम से कम 10 से 30 मिनट अगर हम नियमित योग करते हैं तो हम न स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि बीमारियों को हराकर हम कुछ साल लंबी जिंदगी भी जी सकते हैं। दवा से ज्यादा लाभकारी योग है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वदेश ने उन लोगों से बातचीत की जो योग से फिट हैं और दूसरे लोगों को भी योग कराकर फिट रख रहे हैं। जिस बीमारी का एलोपैथी में इलाज नहीं है। ऐसे रोगों को योग के माध्यम से ही ठीक किया जा सकता है।
महिला पतंजलि योग समिति की गायत्री शर्मा ने बताया कि वे पिछले 16 वर्षो से योग का प्रशिक्षण दे रही हैं। उन्होंने बताया कि दीन दयाल नगर में रहने वाली 50 वर्षीय उमा सिंह को अस्थमा था, उन्होंने योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाया और मात्र 1 साल के अंदर वह पूरी तरह स्वस्थ हो गईं। वर्तमान में गोविंदपुरी माता मंदिर में महिलाओं को योग का प्रशिक्षण दे रही हैं।
योग गुरु हृषीकेश वशिष्ठ : पांच हजार लोगों को दे चुके हैं प्रशिक्षण
शहर के जाने-माने योग गुरु हृषीकेश वशिष्ठ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेहट ग्वालियर में शिक्षक पद पर कार्यरत है। श्री वशिष्ट बताते हैं कि बचपन से दादाजी स्वर्गीय दयानंद शास्त्री और पिताजी शिव कुमार शर्मा जो शासकीय योग प्रशिक्षण केंद्र भोपाल से तीन माह का योग प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे, उनके द्वारा आसन सीखे। श्री वशिष्ठ बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2000 से शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया । लगभग 23 वर्ष से जिला स्तर पर लगभग 5000 शिक्षकों को और विद्यार्थियों को योग का प्रशिक्षण दे चुका हूं। इसके अलावा वह राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता के लिए लगभग 17 वर्षों में 200 से अधिक योग खिलाडिय़ों को तैयार कर सहभागिता करा चुके हैं। यह खिलाड़ी 50 से अधिक स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं। श्री वशिष्ठ वर्तमान में प्रांतीय योग प्रशिक्षित शिक्षक अध्यापक संघ के प्रांतीय सचिव हैं।
डॉ. विवेकानंद शर्मा योग से सकारात्मक ऊर्जा का कर रहे संचार
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ.विवेकानंद शर्मा की जो योग के द्वारा लोगों की जिंदगियां बदल रहे हैं। श्री शर्मा बताते हैं बचपन से योग से जुड़ाव रहा। 2001 में विधिवत योग से पोस्ट ग्रेजुएट किया तदुपरांत नेचुरोपैथी में 4 वर्षीय चिकत्सकीय डिप्लोमा किया। 2001 से ही योग का शिक्षण और प्रशिक्षण हूॅ। अभी तक हजारों लोगों को योग संबंधी क्रियाएं सिखा चुका हूं। अभी लेटेस्ट पीजीवी कॉलेज, माधव कॉलेज एवं लॉ कॉलेज के सभी प्रोफेसर्स एवं प्रिंसिपल को योग थेरेपी के विधिवत क्लास दिए। कुछ वर्ष पहले एजी ऑफिस के सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों को लगातार योगिक क्रियाएं का प्रशिक्षण दिया। वर्तमान में विनयनगर सेक्टर 4 में योग थेरेपी के माशय्म से प्रशिक्षण दे रहा हूॅ।
शर्मा बताते हैं माइग्रेन के लिए 25 वर्ष से परेशान राधेश्याम शर्मा का सफल इलाज, प्रदेश शिक्षा संयोजक नितेश शर्मा को नैचुरोपैथी के माध्यम से ट्रीटमेंट, महिला पुष्पा का अभी इलाज किया जो दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में इलाज लेकर परेशान हो गई थी। शिक्षिका प्रिया सक्सेना का बैकपेन में सफल इलाज जैसी सैकड़ों उपलब्धियां हैं जो योग और थेरेपी के द्वारा सही हुई है।शर्मा कहते हैं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश के सभी पाठकों को संदेश है कि योग मानव जाति के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक चमत्कार है। कैसा भी लाइलाज रोग हो विभिन्न योग विधियों को विधिवत करने से और थोड़ा पथ्य और अपथ्य जोड़ने से दबाओ से छुटकारा पाया जा सकता है। हमारे शरीर का सिस्टम इतना मजबूत हो जाता है कि हम किसी भी रोग को बहुत आसानी से ठीक कर सकते है। आहार का उचित प्रयोग भी योग विधि का ही हिस्सा है।
योग गुरु अखिलेश पचौरी ने योग से बदली सैकड़ों मरीजों की जिंदगी
अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षक व ओम योगा स्टूडियो के संचालक अखिलेश पचौरी की जिन्होंने अपने कैरियर के रूप में योग को चुना। योग में प्रशिक्षण प्राप्त कर श्री पचौरी भारत सरकार द्वारा दो बार योग प्रशिक्षक के रूप में विदेश जा चुके हैं। श्री पचौरी स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया कोलकाता में हुई राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में टेक्निकल ऑफिशियल, सीबीएसई की वेस्ट जोन योग प्रतियोगिता जयपुर में ऑब्जर्वर आदि महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। श्री पचौरी बताते हैं उनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए छात्र-छात्राएं जैसे पूर्वी यशस्व योग खेल संघ द्वारा चीन में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ योगा स्पोर्ट्स 2018, एशियन योगा स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा थाईलैंड में 2019 में आयोजित प्रतियोगिता में पदक प्राप्त कर चुके हैं। इंटरनेशनल योगासन चैंपियनशिप 2020, 2021 में प्रिया अग्रवाल, एशियन योगा चैंपियनशिप में अनिरुद्ध तिवारी भाग लेकर पदक प्राप्त कर चुके हैं। इसी माह दिल्ली में आयोजित अंडर-19 स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित मेरे द्वारा प्रशिक्षित छात्र अभिषेक धमेलिया व सैयद अहनान का ग्वालियर से मध्यप्रदेश योग टीम में चयन हुआ।श्री पचौरी बताते हैं योग प्रशिक्षण द्वारा सैकड़ों गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को योग के द्वारा ठीक किया है। जिसमें ग्वालियर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रहे राजा बाबू सिंह की रीड की हड्डी से संबंधित बीमारी, एडिशनल एसपी दिनेश कौशल की साइनस व सिरदर्द की बीमारी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी आवेश खान की एकाग्रता की समस्या, मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री भारत सिंह कुशवाह की रीड की हड्डी की समस्या इत्यादि सैकड़ों लोगों की बीमारियां मेरे द्वारा दिए गए योग प्रशिक्षण से दूर की गई। मेरा योग दिवस के अवसर पर स्वदेश के पाठकों को संदेश है कि आप सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। और निरोगी व स्वस्थ जीवन जीवन जिये।
86 वर्ष की उम्र में योग से दिला रहे रोगों से मुक्ति
योग गुरु गजानन शंकर दूशे की जिनकी आयु 86 वर्ष है। और गत 27 वर्षों से सहज योग साधना केंद्र नेहरू उद्यान कंपू ग्वालियर के माध्यम से नियमित रूप से निःशुल्क योग शिखा कर समाज सेवा को अनवरत जारी रखे हुए हैं। श्री दूशे बताते हैं मैं ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिस मैं कार्य करते हुए विभिन्न पदों पर विभिन्न स्थानों पर रहा। इस दौरान नागपुर महाराष्ट्र से आए मेरे गुरु, संघ के प्रचारक मनोहर हरकरे से संघ की शाखा में परिचय हुआ। वह काफी विद्वान थे। उन्होंने ही मुझे योग सिखाया। उन्होंने योग के ऊपर बहुत सी किताबें भी लिखी। सीखने के पश्चात खुद योग करता। जो पूछता उसे बता देता था। 1996 में रिटायरमेंट के बाद ग्वालियर में ही निवास किया और नेहरू पार्क में योग करने आता था। 1 दिन योग कर रहा था। एक व्यक्ति आया उसने कहा मुझे कमर में बहुत दर्द है। मैंने उससे कहा कल से चटाई लेकर आना मैं आपको योग की कुछ आसन बताऊंगा, जिससे आपको आराम मिलेगा। वह मेरे साथ योग करने लगा कुछ दिनों में ही वह स्वस्थ हो गया। उसे देखकर अन्य लोग भी मुझे से योग सिखाने का अनुरोध करने लगे जिसे मैं सहज स्वीकार करता गया। जो आज 27 वर्ष बाद भी 86 की उम्र में निरंतर कर रहा हूं इन 27 सालों में कितने लोग आए कितने लोग गए कोई गिनती नहीं है। लेकिन जो भी आया स्वस्थ होकर गया और उसने अपने जीवन में योग अपनाया उदाहरण के तौर पर आपको बताऊं तो एक रजिस्ट्रार थे कॉपरेटिव डिपार्टमेंट के जो बहुत कम सुनते थे उन्होंने मेरे साथ योग किया और 6 महीनों में एकदम साफ सुनने लगे। अभी एक रिटायर्ड थाना प्रभारी आर.बी.एस.भदौरिया आते हैं उन्होंने 3 महीने में 15 किलो वजन मेरे द्वारा सिखाए गए योग से कम किया है। डायबिटीज, ब्लडप्रेशर के तो तमाम उदाहरण हैं जिन्हें लाभ प्राप्त हुआ है। जवाहर कॉलोनी निवासी डॉ शर्मा मुझसे योग सीखने आती हैं और बताती हैं योग अपनाने के बाद हजारों रुपए की दवाइयां बंद हो गई है। डॉक्टर अग्रवाल जो कैंसर हॉस्पिटल में कार्यरत हैं वह और उनकी पत्नी भी आती हैं। उनकी पत्नी सिर में अत्यधिक दर्द से परेशान थी। वह दर्द के मारे रात-रात भर सो नहीं पाती थी। तमाम इलाज करवाया लेकिन दर्द मैं आराम नहीं मिला। लेकिन मेरे द्वारा सिखाए गए योग के उपरांत आज उन्हें दर्द नहीं है। वह प्रतिदिन आती है। मेरी अनुपस्थिति में प्रशिक्षण ले रहे लोगों का मार्गदर्शन भी करती हैं। आज अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर युवाओं को संदेश है कि जिम की तरफ ना भागे और जीवन में योग को अपनाएं। जिम में बना शरीर एक उम्र के बाद कष्टदायक होता है। योग से सर्वांगीण विकास होता है। योग से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। मैंने योग के विषय में एक किताब "योगसाधना नेहरू उद्यान" लिखी है। उससे व्यक्ति घर बैठकर सही पद्धति से योग कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है। क्योंकि यह सर्वविदित है कि भारत में 90% लोग गलत पद्धति से योग कर रहे हैं जिससे उन्हें जो स्वास्थ्य लाभ योग से मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है।
योग से घुटने ठीक होने के बाद लोगों को कर रहे प्रशिक्षित
ग्वालियर नगर निगम के उपायुक्त रहे एम.एल.दौलतानी की जो रिटायरमेंट के बाद दाल बाजार में स्थित सूर्य शक्ति साधना केंद्र के द्वारा शहरवासियों को योग सिखा रहे हैं। वह ऑनलाइन के माध्यम से देश के विभिन्न शहरों में विदेश में भी योग सिखाते हैं। वह 67 वर्ष की आयु में दिन में 8 घंटे एडवांस पावर योग की क्लास लेते हैं। श्री दौलतानी बताते हैं लगभग 30 वर्ष पूर्व मेरे घुटने खराब हो गए थे मैं भिंड में पोस्टिंग के दौरान लकड़ी के सहारे जीने चढ़ता था। आज 67 की आयु में 8 से 10 किलोमीटर दौड़ सकता हूं। विभिन्न प्रकार के इलाज करवाने पर लाभ प्राप्त नहीं हुआ। तब मैंने योग की शरण ली और 3 साल 6 महीने का योग का कोर्स किया। भिंड में मजिस्ट्रेट रहते हुए दंदरौआ में योग सिखाया। दंदरौआ महाराज स्वयं मेरे साथ योग करते थे। भिंड, मुरैना, ग्वालियर में पदस्थ रहते हुए जब मैं क्षेत्र के दौरे पर जाता तो कुर्सी पर नहीं बैठता था। जमीन पर फर्स बीछ बाता और बैठता लोगों की समस्या सुनता और उनका निराकरण करवाता। साथ ही उन्हें योग सिखाता और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करता। जिस दिन मेरी छुट्टी रहती मैं उस दिन 3 से 4 गांव के दौरे करता और उन्हें योग का प्रशिक्षण देता। शासकीय स्थर पर योग शिविरों का आयोजन करवाता और जब मैं शिविर में पहुंचता तो लोग योग सिखाने का अनुरोध करते जिसे में सहज स्वीकार कर लेता था। मेरे जीवन में योग रच बस गया था। मैंने तय कर लिया था। सेवानिवृत्ति के बाद योग से लोगों का जीवन बदलने का काम ही करूंगा। जो मैंने सूर्य शक्ति साधना केंद्र द्वारा कर रहा हूं। एडवांस पावर योगा के तहत में लोगों को वजन कम कराने में मदद कर रहा हूं। ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने मेरे से योग सीखने के बाद अपना कई किलो वजन कम किया। उदाहरण के तौर पर दाल बाजार निवासी कल्पना अग्रवाल 3 महीने में 21 किलो वजन कम कर चुकी है। 133 किलो के गुरुदत्त 14 महीने में 53 किलो वजन कम कर चुके हैं। 10-15 किलो वजन कम करने वाले तो अनगिनत हैं। पीठ दर्द, थायराइड, सिर दर्द, घुटने का दर्द, नींद ना आना आदि कई बीमारियों के मरीज सही हो रहे हैं। यह दावा में नहीं बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लोग स्वयं करते हैं। वह 2-3 साल से मुझसे लगातार प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यदि उन्हें लाभ नहीं होता तो वह मुझसे से 10-15 किलोमीटर दूर से योगा सीखने क्यों आते ? आज अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर स्वदेश के पाठकों को संदेश है कि वह योगा को दिनचर्या में शामिल करें। जिससे उन्हें व्यक्तिगत रूप में लाभ होगा और राष्ट्रहित में भी उनका योगदान होगा। क्योंकि सरकारों का लाखों करोड़ों का बजट स्वास्थ्य पर खर्च हो रहा है। आज 90% भारतीय गलत तरीके से योग करते हैं जिससे योग का पूर्ण लाभ उन्हें नहीं मिलता और योग बदनाम होता है। जिस ड्राइवर को गाड़ी सही से चलानी नहीं आती उसका एक्सीडेंट होना तय है। उसी तरह योग है यदि योग सही पद्धति और तरीके से नहीं किया गया तो नुकसानदायक भी हो सकता है। योग ही ईश्वर है ईश्वर ही योग है। योग सही स्थिति और टाइमिंग के साथ किया जाए तो योग 100% शारीरिक व आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने कुंजी है।
देश-विदेश में ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास
अलका रहोरा ग्वालियर की रहने वाली हूं। उन्होंने बताया कि अपनी पढ़ाई लक्ष्मी बाई इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन कॉलेज से बैचलर और मास्टर डिग्री की है। मैं एक योगा शिक्षक हूं। मैं योग से लोगों के स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद कर रही हूं। उन्होंने योगा के क्षेत्र में कई सारे अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया हैं। जैसे प्राइड ऑफ मध्यप्रदेश अवार्ड ,मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड, नारी शक्ति सम्मान अवार्ड, यशस्विनी अवार्ड, आउटस्टैंडिंग यंग पर्सन जेसीआई प्रदर्शनी ग्वालियर इत्यादि। उन्होंने कार्यक्षेत्र के रूप में चाइना में भी कार्य किया है और उन्होंने बताया की कई सारी स्वास्थ्य से पीड़ित महिलाओं को योग से उनके स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद की है और महिला को हो रही समस्या जैसे पीसीओडी, पीसीओएस, प्रेग्नेंट ना होना या फिर प्रेगनेंसी में होने वाली कई सारी समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम, थायराइड, पैरों में सूजन आना, कमर में दर्द उठना, सांस का उखड़ना, प्रेगनेंसी में नार्मल डिलीवरी के लिए भी अभ्यास कराती हूॅ। हजारों महिलाओं की समस्या को मैंने योग के द्वारा ठीक की है ऐसे काफी महिलाए जो स्ट्रेस, डिप्रेशन से गुजर रही थी उन्हें योग कराकर उनके जीवन को एक नई राह दी है। और ऐसे ही मैं काफी सारे लोगों को ठीक करना चाहती हूं। और पूरे देश-विदेश में योग फैलाना चाहती हूं। आज वह देश-विदेश में ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास ले रही है जैसे अमेरिका ,सिंगापुर ,चाइना, मस्कट, यूरोप ,दुबई ,न्यूयॉर्क।
योगी क्लासेज ग्वालियर के संचालक डॉ योगेंद्र सिंह कुशवाह योगी
योगी क्लासेज ग्वालियर के संचालक डॉ योगेंद्र सिंह कुशवाह योगी की जो बताते हैं कि मैंने अपने जीवन में योग की शुरुआत अपने स्कूल से की और लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर से योग में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एवं मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन डिग्री हासिल करके मुझे चीन जाने का अवसर मिला और भारतीय संस्कृति को योग के माध्यम से दुनिया को रूबरू कराने का अवसर मिला। योग को बढ़ाने के लिए दुनिया के कुछ और देशों में जाना हुआ जैसे कजाकिस्तान, मकाउ आदि देशों में गया और लोगो को योग से निरोगी रहने की कला को सिखाया।
श्री कुशवाह बताते हैं पिछले 8 वर्ष से योगी योगा क्लासेज ग्वालियर और भारत वर्ष के साथ-साथ विश्व के कई देशों में ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहा हूॅ। मेरे द्वारा प्रशिक्षित 4 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेलों 2022 योगासन में भाग लिया। 100 से अधिक बच्चों ने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ में भाग लिया। 250 से अधिक योग टीचर को इंटरनेशन सर्टिफिकेशन कोर्स कराया जो आज देश विदेश मे योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। श्री कुशवाह बताते हैं कि योग से कई लाइलाज बीमारियों ठीक की जिसमे LGMD ( limb Gridle Muscular Dystrophy), लगातार कई वर्षों से हाईं डिप्रेशन से जूझ रहे कई लोगो को योग से नया जीवन मिला, पैरालाइसिस से पीड़ित को योग द्वारा बीमारी से निजात दिलायी। श्री कुशवाहा बताते हैं मैंने योग के ऊपर फंडामेंटल ऑफ़ योगिक प्रैक्टिसेस पुस्तक भी लिखी है साथ ही सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय योग कार्यशालाओं में योग पर व्याख्यान दिये है।