स्टार्टअप : फार्मा कंपनी छोड़ संदीप ने पोहे से लिखी सफलता की कहानी

स्टार्टअप : फार्मा कंपनी छोड़ संदीप ने पोहे से लिखी सफलता की कहानी
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ग्वालियर/नवीन सविता। यह एक सफल स्टार्टअप की कहानी है, हौंसलों की कहानी और सबसे बढ़कर खुद पर भरोसे का दस्तावेज भी। 'फार्मा पोहे वाला'। कुछ अटपटा सा लगता है सुनने में। पोहे का फार्मा से क्या संबन्ध? जी हां, ग्वालियर के संदीप पंजवानी कोरोना से पहले एक फार्मा कम्पनी में काम करते थे। औसत 16 घण्टे के तनावपूर्ण काम के बाद वह बमुश्किल 40 हज़ार कमाते लेकिन आज वह 8 घण्टे की आरामदायक मेहनत के साथ फार्मा की तुलना में दो गुने से ज्यादा कमा रहे है। महाराज बाड़े के नजदीक एक स्टाल नुमा उनकी छोटी सी दुकान पर भीड़ लगी है लोग खड़े होकर इंदौरी पोहे का आनन्द ले रहे है। सुबह 9 बजे पंजवानी के आने से पहले ही पोहे के तलबगार वहां पहुँच जाते है और एक बजे जब वह अपनी दुकान समेटते है तब तक बीसियों लोग लाइन में खड़े रहते है।


आपदा को अवसर में बदला

संदीप जिस फार्मा कम्पनी में काम करते थे उसके साल दर साल कारोबारी टारगेट बढ़ने से काम में दिक्कत आ रही थी।एक दिन संदीप इस तनाव से तंग आ गए और उन्होंने यह काम छोड़ दिया।उनके कुछ साथी होटल प्रबंधन और खानपान के क्षेत्र में कार्यरत है।किसी ने उन्हें आइडिया दिया कि ग्वालियर में इंदौर की तरह पोहे का जायका परोसा जा सकता है।अपने दोस्तों से संदीप ने एक ऐसा जायका उपलब्ध कराने को कहा जो स्थानीय स्तर पर कुछ हटकर हो।एक मित्र ने उन्हें पोहे की एक नई तरह की रेसिपी उपलब्ध कराई।करीब महीने भर की मेहनत के बाद संदीप उस जायके के निर्माण में पारंगत हो गए जो ग्वालियर के लिए बिल्कुल नया था।चावड़ी बाजार में अपने चाचा के होटल के बाहर वह करीब एक साल पहले फार्मा पोहे का स्टाल लगाकर बैठ गए।आज इस पोहे के कारोबार में संदीप दस हजार रोज का व्यवसाय कर रहे है।

विशेष मसाले से बना जायका:

संदीप ने पोहे के परम्परागत स्वाद को बदलने के लिए एक विशिष्ट मसाला तैयार किया है जिसमें राजस्थानी,केरल और पंजाब में प्रयुक्त होने वाले देशी मसालों को मिश्रित किया जाता है।इस मसाले को आप फार्मा पोहे का मूल स्वाद कह सकते है।संदीप के अनुसार यह मसाले रावलदास संस् विशेषरूप से सिर्फ उनके लिए मंगाते है।

भिंड, मुरैना, डबरा, गुना तक के शौकीन :

सुबह 9 बजे से चावड़ी बाजार के उनके स्टाल पर ग्राहकों की लाइन सी लग जाती है, जो एक बार खाता है बार बार आने से खुद को नही रोक पाता।आज कुछ ग्राहक हमें भिंड,गुना और शिवपुरी के भी यहां मिले। मुरैना के राजीव शर्मा का कहना था कि वह जब भी ग्वालियर आते है यहां जरूर आते है।

शहर में तीन आउटलेट्स खोलने की तैयारी:

संदीप अगले महीने तक महानगर में तीन नए आउटलेट खोलने जा रहे है। चेतकपुरी पर उनका यह केंद्र इसी महीने शुरू हो जाएगा।इस काम के लिए करीब एक दर्जन लोगों को वह प्रशिक्षण दे रहे है ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न रहे।

वायरल हुआ वीडियो:

स्वदेश के वेब पोर्टल पर कुछ माह पूर्व संदीप का एक वीडियो जारी किया, यह वीडियो उनके कारोबार में निर्णायक साबित हुआ लोग इस वीडियो को देखकर भी बड़ी संख्या में आते है।फार्मा सेक्टर के उनके पुराने दोस्त भी उनकी इस सफलता से प्रभावित होकर ऐसे ही नवाचारों की संभावना तलाश रहे हैं।

यह रियल स्टार्टअप है:

संदीप कहते है कि स्टार्टअप का मतलब केवल फैक्ट्री या सर्विस सेक्टर नही है।हमारे यहां उधमशीलता के हजारों क्षेत्र आसपास ही मौजूद है।खानपान ऐसा ही सफल क्षेत्र है आज मैं तनावपूर्ण काम के हालातों से मुक्त होकर आनन्द के साथ न केवल आर्थिक सुरक्षित महसूस करता हूँ बल्कि कुछ बेरोजगारों को भी सम्मानपूर्वक जीवन उपलब्ध कराने में सफल हूँ।

संदीप की योजना इस जायके को महानगर के साथ अंचल में भी स्थापित करने की है।

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