विधान सभा चुनाव : महिलाओं के लिए बनेंगे पिंक पोलिंग बूथ, जहाँ सबकुछ होगा पिंक
ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। विधानसभा चुनाव 2018 में इस बार निर्वाचन अधिकारी नए प्रयोग करने जा रहे हैं। निर्वाचन अधिकारियों ने अधिक महिला मतदाता वाले मतदान केंद्रों को चिन्हित कर उन्हें पिंक पोलिंग बूथ में बदलने का फैसला लिया है। यहाँ तैनात सभी कर्मचारी महिला होंगी, मतदान केंद्र के अंदर भी सबकुछ पिंक ही होगा। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घूँघट में आने वाली महिला मतदाता की जांच करेंगी। पहली बार मतदान केंद्रों के बाहर बीएलओ भी बैठेंगे।
आमतौर पर देखा ये जाता है कि महिलाएं मतदान में हिस्सा लेने से कतराती हैं लेकिन इस बार निर्वाचन कार्यालय ने अधिक से अधिक महिला मतदाता को पोलिंग बूथ तक लाने की योजना बनाई है। निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार इस बार महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 76 हजार 76 पहुँच गई है। महिलाओं को मतदान से अधिक से अधिक जोड़ने के लिए इस बार निर्वाचन कार्यालय ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजने का निर्णय लिया है। ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मतदान वाले दिन घर घर जाकर महिलाओं को मत का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मतदान केंद्र पर घूँघट में पहुँचने वाली महिला मतदाता की पहचान के लिए भी तैनात रहेंगी।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी आरके पांडे ने स्वदेश से बातचीत में बताया कि महिलाओं को मतदान से जोड़ने के लिए इस बार नए प्रयोग किये जा रहे हैं। जहाँ महिला मतदाता पुरुषों की तुलना में अधिक हैं और मतदान के लिए नहीं जाती हैं वहां इस बार पिंक पोलिंग बूथ का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले में भितरवार विधानसभा को छोड़कर सभी पाँचों विधानसभाओं में कुल 25 पिंक पोलिंग बूथ बनाये जायेंगे। जिसकी विशेषता ये होगी कि यहाँ तैनात किये जाने वाले कर्मचारी महिला होंगे, सुरक्षाकर्मी भी महिला होंगी। साथ ही पोलिंग बूथ के अंदर भी सबकुछ पिंक पिंक ही होगा। श्री पांडे ने बताया कि पोलिन बूथ के अंदर लगने वाले बैनर पोस्टर भी पिंक होंगे। इसके अलावा परदे और टेबल क्लॉथ भी पिंक लगाए जाएंगे। उनका मानना है कि ऐसा करने से महिलाएं न सिर्फ मतदान के लिए घरों से बाहर निकलेंगी बल्कि मतदान केंद्र पर पहुँच कर स्वयं का जुड़ाव भी महसूस करेंगी।
श्री पांडे ने बताया कि इस बार सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों के 1725 पोलिंग बूथ के बाहर पहली बार बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को मतदान सुविधा केंद्र पर बैठाया जाएगा। इनकी ड्यूटी भी मतदाता को पहचानने, और उसकी किसी भी परेशानी का हल निकालने की रहेगी। इसके अलावा अलग अलग पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स की व्यवस्था भी इस बार वहीँ रहेगी जहाँ बीएलओ बैठेंगे। निर्वाचन कार्यालय की तरफ से निशक्तजनों और वृद्धजनों के लिए मतदान केंद्र तक ले जाने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था रहेगी। जिससे वे अपने मतदान का प्रयोग कर सकें।