हे ईश्वर, सद्बुद्धि दो इन निगम अधिकारियों को, गायों की दुर्दशा का बन रहे हैं कारण

हे ईश्वर, सद्बुद्धि दो इन निगम अधिकारियों को, गायों की दुर्दशा का बन रहे हैं कारण
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ग्वालियर। शहर के गोला का मंदिर स्थित गौशाला की हालत बेहद खराब है। नगर निगम द्वारा संचालित गोशाला पर हर साल करोड़ों रुपए का खर्च होता है। इसके बावजूद यहां अव्यवस्थाएं हैं, जिसके कारण गायों की हालत खराब है। गौशाला में बारिश के बाद भरे पानी के निकलने की व्यवस्था ना होने से जगह-जगह कीचड़ और दलदल सी स्थिति निर्मित हो गई है। जिसके चलते गायों को बैठने के लिए सूखने का स्थान ना होने से वह गायों को बैठने तक का स्थान नहीं मिल पा रहा है। साथ ही जिस स्थान पर खनौटै बनाए गए हैं, वहां भी काफी अधिक कीचड़ हो गई है, जिसके कारण गायों को भोजन भी नहीं मिल पा रहा है।

मरणासन्न हालत में पहुंची गायें

नगर निगम द्वारा गोले के मंदिर पर संचालित मार्क गौशाला में जिम्मेदारों द्वारा की जा रहीं अनदेखी के कारण गायें मरणासन्न अवस्था में पहुंच गई है।यहां गौवंश की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, उन्हें सूखा भूसा भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है, गौमाता की देह से चमक जा चुकी है, हड्डियां दिखने लगीं है। नगर निगम द्वारा गायों को समय पर ना चारा दिया जा रहा है। बारिश में गायों को सिर छुपाने के लिए टीनशेड तक नहीं हैं। साथ ही गायों की संख्या अधिक होने के कारण वहां पर बीमार गायों की भी देखभाल नहीं हो पा रही है। निगम ने गायों की देखभाल में लगे कई कर्मचारियों को भी घर बैठा दिया है। जिसके बाद से वह घर बैठकर ही मुफ्त का वेतन ले रहें है।

चारे की हो रही कमी

एक ओर जहां प्रदेश सरकार गौ संरक्षण की बात कर रहा है वहीं सरकार के अधिकारी संरक्षित गौ माताओं को मृत्यु के खाई में डालने का प्रयास कर रहे है।अधिकारीयों द्वारा कभी गायों को दिया जाने वाला हरा चारा में कमी करना, दाना पिना, तो कभी सूखे भूसे में की कमी करना उनकी मनोदशा को दर्शाता है।जिन गौ शालाओं में गायों का पालन पोषण होता है, यहाँ वहीँ गौशाला गायों का सामूहिक हत्या स्थल बनने की कगार पर पहुंच गया है। गायों के कमजोर शरीर उनकी दुर्दशा की हकीकत को बयान करते नजर आती है। नगर निगम द्वारा गायों के चारे में कटौती कर व्यय बचाया जा रहा है।

विश्वहिन्दू परिषद एवं बजरंगदल लेंगे एक्शन

हमारे हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गौवंश अत्यंत पूजनीय मानी जाती है।गायों में 33 करोड़ देवी देवता निवास करते है, अगर वो नाराज हो गए तो उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक ओर जहां गौशाला में गायें भूख से तड़प रहीं हैं। वहीँ अधिकारी जन्माष्टमी के पर्व पर आयोजन करने का मन बना रहें है। जानकारी के अनुसार गौशाला में गायों की इस स्थिति पर विश्वहिन्दू परिषद एवं बजरंगदल जल्द कार्यवाही करने की योजना बना रहा है।


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