नरेंद्र मोदी समाज और राष्ट्र के लिए जी रहे हैं : विद्यानंद सरस्वती
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ग्वालियर। हमारे सनातन धर्म की जड़े इतनी गहरी और मजबूत है कि 'सनातन धर्म को खत्म करने' के बयानों से उन लोगों के अपने सिद्धांतों की ही हानि हो रही है। देश में 90 पतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हे यह बयान अच्छा नहीं लगा है। मैं स्पष्ट रूप से मानता हूं कि यह लोग ऐसे बयान देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रचार कर रहे हैं। इससे मोदी को ही लाभ पहुंचने वाला है। वर्तमान में देश को नरेन्द्र मोदी की बहुत आवश्यकता है। रही बात सनातन की तो यह पहले था आज भी है और आगे भी रहेगा। जो तत्व चेतन्य रूप से विद्यमान रहा है, उसे कोई नष्ट नहीं कर सकता है। इस प्रकार के बयानों से सनातन धर्म को कोई नुकसान होने वाला नहीं है। यह बात स्वदेश से चर्चा करते हुए श्रीसद्गुरुदेव परमादर्श आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विद्यानन्द सरस्वती जी महाराज ने कही।
स्वामी जी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी को मैं आज से नहीं जब से वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से जानता हूं। मोदी में केवल और केवल राष्ट्रीयता की भावना है। जब मैंने उन्हें एक बार खूब उन्नति करने का आदेश दिया तो तब उन्होंने मुझसे कहा कि था कि मेरी उन्नति का आशीर्वाद नहीं मेरे प्रदेश और राष्ट्र की उन्नति का आशीर्वाद दे, और उसी दिन से मैं उनके प्रति प्रभावित हो गया। मोदी समाज और राष्ट्र के लिए जी रहे हैं। एक समय में जो लोग अपने आप को हिन्दू कहने से घबराते थे, उनमे आज मोदी के राज में दृढ़ विश्वास पैदा हुआ है। आज वह लोग अपने आप को हिन्दू कहकर अपनी बात को अच्छी तरह से रख पा रहे हैं। हम सभी लोगों को यह प्रार्थना करनी ही चाहिए कि 2024 में और 2029 में भी मोदी सरकार ही बने।
देश के अधिकतर लोग चाहते हैं मोदी ही सरकार चलाएं क्योंकि यह सरकार हमारे देश की आवश्यकता है। आज का युवा धर्म की तरफ आकर्षित हो रहा है:- मुझे लग रहा है कि आज का युवा धर्म की तरफ आकर्षित हो रहा है। हां यह जरूर कह सकते हैं कि उनकी प्रवृत्ति दिखावे वाली नहीं है, लेकिन विवेक से उनका झुकाव धर्म की ओर है। युवा वर्ग अपने कार्य को करने के लिए निष्ठावान हैं। मेरे गुरुदेव ने मुझे बताया है कि भारत गांव में बसता है। अगर भारत को वास्तविक रूप से देखना है तो गांव में जाकर देखो। रही बात ज्ञानवापी की तो जो हो रहा है सब अच्छा हो रहा है। धीरे-धीरे सब बाहर खुलकर का आ रहा है।
मंदिर जाकर भगवान से पूछो कि उनकी तबीयत तो ठीक है न
स्वामी जी ने कहा कि भगवान का स्मरण करना बहुत अच्छी बात है। लेकिन कभी-कभी मंदिर में जाकर उनका हालचाल भी पूछना चाहिए कि 'है भगवान आप कैसे हैं, आपका स्वास्थ्य कैसा है। ' इससे भगवान को भी खुशी होगी कि कोई तो आया मेरा हालचाल पूछने के लिए। इससे 'नारायण'आपकी तरफ ध्यान देगा। जिस प्रकार से नारायण संपूर्ण दुनिया के पालन हार है उसी प्रकार हर घर का पालन वाला घर का मुखिया होता है। अगर हम उस मुखिया का समय-समय पर हालचाल पूछते रहें और उससे बाते करते रहें तो वह हमसे खुश होगा और आशीर्वाद भी देगा। लेकिन यह कहकर छोड़ दिया जाए कि मुखिया तो पालन हार है उसका हालचाल पूछने की क्या जरूरत है यह मेरे हिसाब से कतई सही नहीं है।