मुरार में मदाखलत की मेहरबानी, बाड़े पर पुलिस चला रही फुटपाथियों पर डंडे

मुरार में मदाखलत की मेहरबानी, बाड़े पर पुलिस चला रही फुटपाथियों पर डंडे
अधिकारी बोलते है नहीं लगते ठेले, मुरार सदर बाजार में सड़कों पर लगे ठेले

ग्वालियर, न.सं.। शहर में अस्थायी अतिक्रमण और बाजारों में सड़कों पर लगने वाले ठेले आमतौर पर तो खुलेआम लगते हैं लेकिन वीआईपी मूवमेंट में तत्काल हटा दिए जाते हैं। बाड़ा हो या हजीरा-मुरार कहीं भी नेता या अधिकारी पहुंच जाएं तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने में अमला देर नहीं करता है। रोजाना की हकीकत यह है कि निगम का मदाखलत अमले के सामने अस्थायी अतिक्रमण रहता है लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता। इस रवैए से यही स्पष्ट है कि अमला अतिक्रमणकारियों से सेटिंग करके बैठा है। एक तरफ महाराज बाड़े पर निगम के मदाखलत अमले द्वारा बाड़े पर प्रत्येक दिन कार्रवाई की जा रही है। मदाखलत अमले के साथ-साथ फुटपाथियों पर अब पुलिस ने डंडे चलाना शुरू कर दिए है। लेकिन मुरार में कोई भी अधिकारी जाने को तैयार नहीं है।

यहां बता दें कि उच्च न्यायालय के आदेश हैं कि अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। मदाखलत अमला कार्रवाई करने की बजाय खुद ही संरक्षण देकर कमाई में लगा है। यही स्थिति पुलिस की है। सूत्रों के अनुसार फुटपाथी और ठेलों का पूरा सिस्टम बना है, इसमें मदाखलत और पुलिस का हिस्सा भी तय है। हजीरा व मुरार में सड़कों पर ठेले और टैम्पो से यातायात जाम होता है। शिंदे की छावनी पर ठेलों के साथ बीच सड़क डिवाइडर से जाम से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

निगम और पुलिस ने नहीं बनाई योजना

शहर का हैरिटेज जोन यानि महाराज बाड़ा। त्यौहार के दिनों में रोज बढ़ती भीड़ और संभालने वाला कोई नहीं। आलम ये कि रेंगते यातायात के बीच लोग प्रशासनिक व्यवस्थाओं को कोसते हुए रास्ता पार करते हैं। इसके सौंदर्यीकरण के लिए हर बार एक नई योजना, लेकिन हुआ कुछ नहीं। न्यायालय ने भी जिम्मेदारी तय की। लेकिन जिम्मेदार अब सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई कर रहे हंै। जबकि अधिकारियों को इन बाहर से आने वाले लोगों के लिए अस्थाई तौर पर एक जगह देनी चाहिए।

इन विभागों की ये है जिम्मेदारी

-नगर निगम की जिम्मेदारी अतिक्रमण हटाने की

-पुलिस की पार्किंग-ट्रैफिक की

बाजारों में भीड़ बढऩा हुई शुरू

त्यौहार का सीजन शुरू हो गया है और 15 दिन तक लगातार त्यौहार होने के कारण बाजारों में भी लोगों की भीड़ बढऩे लगेगी। लेकिन लश्कर, मुरार और ग्वालियर के मुख्य बाजारों की हालत अतिक्रमण, हाथ ठेले और फुटपाथियों के कारण बुरी है। इन बाजारों में सड़कें पूरी तरह से घिरी हुई हैं, जिस कारण वाहनों के आसानी से निकलने की तो बात दूर, बल्कि लोगों को पैदल चलने के लिए भी पर्याप्त जगह सड़कों पर नहीं है। उपनगर मुरार और ग्वालियर में जहां ठेले वालों ने व फुटपाथियों ने सड़कें जाम कर रखी हैं। वहीं महाराज बाड़े पर वाहनों की व्यवस्था सही से न बनाए जाने पर परेशानियां बढ़ी हुई हैं।

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