लोकसभा टिकट मिलने पर बोले प्रवीण पाठक - 'मैं डरने वालों में से नहीं हूं'

लोकसभा टिकट मिलने पर बोले प्रवीण पाठक - मैं डरने वालों में से नहीं हूं
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भाजपा के भारत सिंह का मुकाबला कांग्रेस के प्रवीण पाठक से

ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से एक माह पहले घोषित भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व विधायक प्रवीण पाठक से होगा। श्री पाठक का नाम शनिवार को सुबह 11.30 बजे घोषित किया गया। इसके लिए न सिर्फ प्रत्याशी बल्कि पार्टी को लंबा इंतजार करना पड़ा। समझा जाता है कि प्रदेश हाईकमान के हाथों से बात निकलने पर मामला शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा, तब स्वयं राहुल गांधी के हस्तक्षेप से प्रवीण पाठक का नाम फायनल हो सका। जबकि पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर बाबूजी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह पैरोकारी कर रहे थे, वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, प्रवीण पाठक के लिए लगे हुए थे। इस तरह कांग्रेस के पत्ते खुलने पर अब पाठक और कुशवाहा के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

यहां बता दें कि भाजपा ने दो मार्च को ही ग्वालियर चंबल के चारों प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए थे लेकिन कांग्रेस में नामों को लेकर लंबा मंथन चलता रहा। पिछले एक सप्ताह से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक एवं पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर बाबूजी के नामों के बीच जंग छिड़ी हुई थी। एक खेमे ने तो सोशल मीडिया पर बाबूजी का नाम घोषित बताकर मिठाई तक बंटवा दी लेकिन ग्वालियर और मुरैना में लंबा पेंच फंसा रहा जिससे दोनों ही प्रत्याशियों की सांसें अटकी रही। वहीं जिला कांग्रेस भी प्रत्याशी के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। दरअसल प्रवीण पाठक के संबंध प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ ही सीधे हाईकमान से भी है। ऐसा तब भी देखने में आया था जब वर्ष 2018 के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वरिष्ठ नेता किशन मुदगल का नाम आगे बढ़ाया था जबकि एक खेमे ने रश्मि पवार शर्मा का नाम रखा था जिस वजह से ग्वालियर दक्षिण का टिकट लटक गया था फिर ऐन दीपावली के दिन प्रत्याशी की घोषणा हुई तब नाम प्रवीण पाठक का आया। वे इतने भाग्यशाली निकले कि मात्र 131 मतों से विजयी हुए।इस तरह यह भाग्य आज भी दिखाई दिया क्योंकि रामसेवक बाबूजी की पैरोकारी हल्की कर शीर्ष नेतृत्व ने उनके नाम पर मोहर लगाई है।

यह थे दावेदार

कांग्रेस में निराशा का दौर है इसलिए कहा यह भी जा रहा था कि टिकट वितरण में देरी का कारण मजबूत प्रत्याशी का न मिलना है। हालांकि यहां से प्रवीण पाठक के नाम पर उन्हें उड़ीसा में दी गई जिम्मेदारी आड़े आ रही थी इसी वजह से निर्णय लेने में लंबा समय लग गया। उनके अलावा पूर्व सांसद रामसेवक बाबूजी, सुनील शर्मा, देवेंद्र शर्मा,मितेन्द्र दर्शन सिंह, लाखन सिंह यादव के नाम भी चले । मितेंद्र ने आखिर समय तक युवा कांग्रेस कोटे से टिकट लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया।अब देखना यह है कि जिन्हें टिकट नहीं मिले वह कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कितना काम करेंगे।

मैं डरने वालों में से नहीं हूं

जिस समय टिकट की घोषणा हुई उस समय श्री पाठक अपने लक्ष्मीगंज स्थित निवास पर थे। देखते ही देखते उनके यहां समर्थकों का तांता लग गया। फिर वह विधायक डॉ सतीश सिकरवार के निवास पहुंचे वहां मुरैना से घोषित प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू भी मौजूद थे। दोनों प्रत्याशियों ने वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार के चरण छूकर आशीर्वाद लिया।इस बीच श्री पाठक ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट वायरल की। जिसमें उन्होंने लिखा, मुझे टिकिट मिलने के ठीक पहले कानून का और सत्ता का और कितना दुरुपयोग करोगे और कितने झूठे केस लादोगे। मेरा परिवार और मेरे साथी डरेंगे नहीं। पूरा ग्वालियर जानता है कि किस तरह षडय़ंत्र से मुझे चुनाव हराया गया और वोटिंग वाले दिन कैसे झूठे केस लगाए गए ।कैसे आम जन को वोट डालने से रोका गया। आप चुनाव तो हरा सकते हो पर मेरा हौंसला नहीं तोड़ सकते। उन्हें ये फिक्र है हर दम नई तर्ज-ए-जफा क्या है हमें ये शौक है देखें सितम की इंतिहा क्या है।

दोनों पराजित प्रत्याशियों पर भरोसा

यहां देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही हाल के विधानसभा चुनाव में पराजित हुए प्रत्याशियों पर भरोसा किया है। भारत सिंह कुशवाहा ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर से तो वहीं प्रवीण पाठक ग्वालियर दक्षिण में नारायण सिंह कुशवाहा से पराजित हुए हैं। पार्टियों ने अपने पराजित प्रत्याशियों पर दांव खेला है जिससे चुनाव रोचक होने की संभावना है।

कांग्रेस की बैठक आज

अब तक कांग्रेस कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था लेकिन प्रवीण पाठक को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद रविवार से हलचल शुरू होने जा रही है।शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने रविवार 7 मार्च को सुबह 11 बजे साधारण सभा की बैठक बुलाई है। जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी।


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