ग्वालियर में एक दिन छोड़कर पानी देने की तैयारी, यहां गाड़ी धोने में लाखों लीटर पानी हो रहा बर्बाद
ग्वालियर। शहर में जल्द ही एक दिन छोडक़र पानी की आपूर्ति देने की तैयारी की जा रही है। जबकि शहर में वाहनों की धुलाई पर लाखों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है। खास बात यह है कि पेयजल सप्लाई की कमी बताते हुए नगर निगम शहर में कई इलाकों में एक दिन छोडक़र पानी की सप्लाई करने की तैयारी कर रहा है।
यहां बता दे कि तिघरा बांध की क्षमता 740 फीट है, लेकिन वर्तमान में यह 728.65 फीट ही भरा हुआ है। तिघरा बांध में वर्तमान में सिर्फ 47.64 प्रतिशत पानी ही शेष बचा हुआ है। बांध में अब 2249.36 एमसीएफटी पानी शेष है। यदि प्रतिदिन आपूर्ति की जाए, तो सिर्फ 195 दिन के लिए ही सप्लाई हो सकेगी। इसका मतलब है कि जून माह तक ही शहर की आबादी को पानी मिल सकेगा। इसको देखते हुए जलसंसाधन विभाग ने नगर निगम को पत्र लिखकर एक दिन छोडक़र पानी की आपूर्ति करने के लिए कहा था। निगमायुक्त हर्ष सिंह ने इस आधार पर मेयर इन काउंसिल को प्रस्ताव भेजा, जहां इसे स्वीकृत कर दिया गया। अब इसे परिषद में भेजकर स्वीकृति ली जाएगी। परिषद की स्वीकृति मिलते ही नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा और एक दिन छोडक़र आपूर्ति की जाएगी।
हैरानी की बात यह है कि केवल पीने के पानी के लिए कमी है, जबकि वॉशिंग सेंटरों के लिए भरपूर पानी है। इन वाशिंग सेंटरों पर कार, बाइक की धुलाई में रोजाना ही लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। पानी की बर्बादी रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन विभाग तब ही जागता है जबकि शहर में पानी का संकट विकराल रूप धारण कर लेता है। इसके बाद प्रशासन एवं नगर निगम इन वाशिंग सेंटरों को बंद कराने की मुहिम शुरू करता है। जबकि यदि समय रहते पानी की बर्बादी को रोका जाए तो पेयजल संकट के हालात से काफी हद तक बचा जा सकता है।
60 से अधिक धुलाई सेंटर हो रहे संचालित
शहर में हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत रहती है, इस पर प्रशासन द्वारा वाहन सेंटरों को बंद कर दिया जाता है। लेकिन वर्तमान में इन पर कोई रोक नहीं है और खुलेआम पानी की बर्बादी कर रहे हैं। साफ पीने वाला पानी को यह लोग नालियों में बहा देते हैं। शहर में भूजल स्तर की स्थिति पहले से ही खराब है इसके बावजूद शहर में 60 से अधिक धुलाई सेंटर संचालित हो रहे हैं। एक धुलाई सेंटर पर रोजाना 12 घंटे में 1 लाख लीटर से भी अधिक की पानी की बर्बादी की जाती है। इनमें से अधिकांश जगहों पर मोटर से पानी खींचते हैं। पानी की खुलेआम हो रही बर्बादी के बावजूद निगम अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। जिसका फायदा वाहन धुलाई सेंटर संचालक उठाते हैं। खास बात है कि नगर निगम में इनका कोई लेखा जोखा नहीं है। कई जगहों पर तो घरेलू कनेक्शन के आधार पर ही यह सेंटर चल रहे हैं।
टैंकों में भरते हैं पानी
निगम अमला कई बार इन वाशिंग सेंटरों पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी करता है, लेकिन सेंटर संचालक दोबारा कनेक्शन जोड़ लेते हैं। इतना ही नहीं इन धुलाई सेंटरों पर बड़े-बड़े पानी के टैंक बनेे हुए हैं, इनकी कभी सफाई भी नहीं की जाती है।
निगम ने 96 टंकियों के आधार पर बनाई योजना
मोतीझील स्थित पुराने और नए प्लांट की क्षमता 68-68 एमएलडी है। पुराने प्लांट से जहां 11, तो वहीं नए प्लांट से 12 टंकियां भरी जा रही हैं। तिघरा बांध के नजदीक मौजूद प्लांट की क्षमता 52 एमएलडी है और इससे 20 टंकियां भरी जा रही है। इसमें हनुमान पहाड़ी वाली तीन टंकियां डायरेक्ट भरी जाती हैं। जलालपुर पर प्लांट की क्षमता 160 एमएलडी है। इसमें ग्वालियर विस की 23 टंकी और पूर्व विस की 33 टंकियां भरी जा रही हैं। पहले शहर में कुल 52 टंकियां बनी हुई थीं, लेकिन अमृत योजना के तहत नई टंकियों का निर्माण किया गया। अब इनकी कुल संख्या 96 हो चुकी है।
ऐसे होगी आपूर्ति
जलालपुर प्लांट से पहले दिन पूर्व विधानसभा के थाटीपुर, मुरार, जड़ेरुआ, कृष्णा नगर, अशोक कालोनी, सुरेश नगर, थाटीपुर बजरिया, शारदा विहार, कलेक्ट्रेट, मीरा नगर, कर्मचारी आवास कालोनी, दर्पण कालोनी, तुलसी विहार, डाइट, बीएसएफ कालोनी, शताब्दीपुरम, नारायण विहार, कुंज विहार, अमलताश कालोनी, पिंटो पार्क, महाराजपुरा, महाराजा काम्प्लेक्स डीडी नगर, डीडी नगर के डीए, एफ और जी सेक्टर में बनी टंकियों के अलावा रेलवे कालोनी, सिंधिया नगर, आरकेवीएम, हुरावली, रिसाला बाजार, शिव कालोनी और एमिटी पहाड़ी की टंकियों से सप्लाई होगी।
जलालपुर से दूसरे दिन ग्वालियर विधानसभा की कांच मील, गांधी नगर, नूरगंज, सत्यनारायण की टेकरी, द्वारकापुरी, जगनापुरा, पीएचइ कालोनी, किलागेट, रेशम मिल, साकेत नगर, तानसेन नगर, 12 बीघा, चंदन नगर, कोटेश्वर, विनय नगर सेक्टर तीन व चार, आनंद नगर, हीरा भूमिया 1 व 2, माता मंदिर, झलकारी बाई टंकियों से पानी की आपूर्ति होगी। मोतीझील पुराने प्लांट से एक दिन आमखो व ग्वालियर तो दूसरे दिन रक्कास टैंक और नए प्लांट से एक दिन दक्षिण विस तो दूसरे दिन रक्कास टैंक में आपूर्ति होगी। तिघरा में छह टंकी से पहले दिन, 11 टंकी से दूसरे दिन और पांच टंकी से पहले व दूसरे दिन सप्लाई होगी।