सरकारी अस्पतालों में पूछने के बाद ही प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स मरीजों को कर सकेंगे रेफर :जीआरएमसी डीन डॉ.अक्षय निगम

सरकारी अस्पतालों में पूछने के बाद ही प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स मरीजों को कर सकेंगे रेफर :जीआरएमसी डीन  डॉ.अक्षय निगम
X
ग्वालियर मे गंभीर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल अब बिना किसी सूचना के सरकारी जयारोग्य अस्पताल समूह में भर्ती के लिए रेफर नहीं कर सकेगा।

ग्वालियर। ग्वालियर मे गंभीर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल अब बिना किसी सूचना के सरकारी जयारोग्य अस्पताल समूह में भर्ती के लिए रेफर नहीं कर सकेगा। इसको लेकर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन और जयारोग्य अस्पताल के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक ने निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल ज्यादातर मामलों में देखने में आता था कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अति गंभीर मरीज को बिना किसी सूचना के सरकारी अस्पताल समूह में रेफर कर दिया जाता था ऐसे में जब मरीजों की मृत्यु हो जाती थी तो उनके परिजनों के द्वारा सरकारी अस्पताल में लड़ाई झगड़ा और गंभीर आरोप प्रत्यारोप जैसे मामले सामने आते है।

ऐसे में अब प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों और डॉक्टर को निर्देशित किया गया है कि वह अपने मरीज को रेफर करने से पूर्व संबंधित विभाग के चिकित्सक से संपर्क कर विभाग में खाली पलंग की स्थिति का पता करे और उनकी सहमति के बाद ही गंभीर मरीजों को स्वयं की एंबुलेंस और स्टाफ के साथ सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने की व्यवस्था करेंगे। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि इस निर्देश का गंभीरता और कड़ाई से पालन प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों के द्वारा नहीं किया गया तो वह इस लापरवाही के जिम्मेदार होंगे।

कॉल सेंटर से ले सकेंगे विभाग अध्यक्षों के कांटेक्ट नंबर-

डॉ.आरकेएस धाकड़,जेएच हॉस्पिटल,अधीक्षक,ग्वालियर ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल अपने गंभीर मरीजों को शिफ्ट करने से पहले सरकारी अस्पतालों में सम्बंधित विभागों से पलंग या अन्य सुविधा की जानकारी लें उसके बाद ही रेफर करें। जिससे मरीज भटकने से बच सकेंगे। क्यूंकि हर व्यक्ति की ज़िंदगी महत्वपूर्ण है।

मरीजों के हित के लिए दिए हैं निर्देश -

गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर डीन डॉ.अक्षय निगम ने कहा की प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर मरने की स्थिति वाले मरीजों को सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर देते हैं ऐसे में उस मरीज की मौत हो जाती है तो उसके परिजन डॉक्टर्स से मारपीट करते हैं जबकि उस मरीज की हालत पहले से बिगड़ी हुई होती है।



Tags

Next Story