कम होगा मंत्री प्रद्युन सिंह तोमर का करंट
वेब डेस्क। बिजली संकट के कारण जितना लोग परेशान हैं, उतनी ही सरकार भी। योंकि बिजली का मसला भाजपा सरकार के लिए साख का मुद्दा है। हालात इतने विषम हैं कि जिन दिग्विजय सिंह के राज में बिजली आती कम और जाती ज्यादा थी, वे भी अब भाजपा सरकार को कोस रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस मसले को अब खुद हैंडल कर रहे हैं। योंकि बिजली संकट बढ़ते समय विभागीय मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को खम्बों पर चढऩे से फुर्सत नहीं थी और उन्होंने इस समस्या को बहुत हलके से लिया। अधिकारी उन्हें चेताते भी थे तो उनका ध्यान विद्युत उत्पादन की तरफ था ही नहीं। भाजपा संगठन भी इस मसले पर ऊर्जा मंत्री के रवैये से आहात है। चर्चा है भविष्य में प्रद्युम्न सिंह तोमर का करंट भी भाजपा कुछ कम कर सकती हैं।
भटा न बन जाएं भाजपा के नेता
साा दल में रहने, काम करने का अलग ही नशा होता है। इन दिनों भाजपा के कुछ नेता और नए पदाधिकारी जमीन पर काम करने की बजाये होर्डिंग पोस्टर पर ज्यादा नजर आते हैं। मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस सब पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और वे अपने हिसाब से लोगों के काम का आकलन भी करते रहते हैं। शिवराज सिंह को संगठन में काम करने का भी लबा अनुभव है। प्रदेश भाजपा मुयालय में भाजपा मोर्चा प्रकोष्ठ की बैठक में सब अपनी मस्ती में थे लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कुछ और ही देख रहे थे। उन्हें लगा कि भाजपा संस्कारों से अलग जा रहे नए नेताओं को नसीहत देना जरुरी है सो उन्होंने नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अगर होर्डिंग-पोस्टर के चकर पड़े तो कोई 'भटे' के भाव नहीं पूछेगा, अब स्वागत का दौर समाप्त और काम का दौर शुरू हो चुका है... मुख्यमंत्री ने नए नेताओं से कहा कि अब सरकारी योजनाओं के प्रचार की जिमेदारी संभालें। ऐसे में एक युवा नेता का सवाल बहुत जायज था कि सरकारी योजनाओं का प्रचार भी भाजपा को करना है तो फिर जनसपर्क विभाग या करेगा?
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