सम्पत्तिकर में मात्र 11 करोड़ की वसूली, पिछली बार से 15 करोड़ से पिछड़े

सम्पत्तिकर में मात्र 11 करोड़ की वसूली, पिछली बार से 15 करोड़ से पिछड़े
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सफाई शुल्क के कारण आगे नहीं आ रहे सम्पत्तिकर दाता

ग्वालियर,न.सं.। कोरोना काल में नगर निगम द्वारा आमजन पर एक अतिरिक्त बोझ लादते हुए सफाईकर(गार्बेज) लागू कर दिया। इससे उसे दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि सम्पत्तिकर में पहले से ही सफाईकर लिया जाता रहा है। किंतु अपनी आय को बढ़ाने के लिए सफाई शुल्क की दोहरी मार लागू कर दी गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि जो उपभोक्ता बड़ी आसानी से छह प्रतिशत की छूट के दौरान खुद होकर सम्पत्तिकर जमा कर देता था, वह अब घर से निकलने को तैयार नहीं है। वहीं निगम अमला भी कोरोना के कारण घर-घर नहीं जा रहा है। यहीं कारण है कि पिछले वित्तीय वर्ष में जुलाई माह तक सम्पत्तिकर से 25 से 26 करोड़ रुपए की वसूली हो गई थी। वहीं इस समय मात्र 11 करोड़ पर सिमट गई है। जिससे नगर निगम सम्पत्तिकर में पिछले वर्ष की तुलना में 15 करोड़ रुपए पीछे हो गया है।

कोरोनावायरस से जहां जनजीवन ठप सा चल रहा है। वहीं नगर निगम का संपत्तिकर वसूली का कार्य भी काफी प्रभावित हुआ है। पुराना वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही 24 मार्च से लॉकडाउन लगने के कारण नगर निगम पिछले साल का ही संपत्तिकर वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया था। इसके बाद अप्रैल माह में नया वित्तीय वर्ष भी शुरू हो गया। नए वित्तीय वर्ष के चार माह पूरे होने को है, किंतु संपत्तिकर वसूली ठीक से नहीं होने के कारण नगर निगम की गुल्लक खाली है। नगर निगम की आय का मुख्य स्रोत ही संपत्तिकर है। लेकिन संपत्तिकर की वसूली पिछडऩे के कारण नगर निगम के अन्य कार्य भी ठप हो गए हैं। नगर निगम द्वारा जून माह तक संपत्तिकर देने में मिली छूट 6 प्रतिशत रियायत को जुलाई तक बढ़ा दिया है। इसे आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं यह प्रशासक और निगमायुक्त पर निर्भर है। किंतु इस दौरान जो लोग छह प्रतिशत सम्पत्तिकर का लाभ उठाकर कर जमा कर दते थे, वे लोग सफाई शुल्क की दोहरी मार के कारण आगे नहीं आए हैं। उल्लेखनीय है कि निगम ने बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में 58 करोड़ की राशि लगभग एक लाख से ज्यादा संपत्तियों से वसूली थी। जबकि ग्वालियर में लगभग 2.4 लाख संपत्तियां संपत्तिकर के दायरे में आती है। इस वर्ष भी निगम 100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ा है किंतु कोरोना और सफाई शुल्क के कारण सम्पत्तिकर वसूली काफी पिछड़ी हुई है।

इनका कहना है

कोरोना एवं सफाई शुल्क के कारण अब तक 11 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर वसूल हो सका है। पिछले वर्ष इस समय तक 25 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। छह प्रतिशत छूट 31 जुलाई तक है। इसे आगे बढ़ाए जाने का निर्णय वरिष्ठ अधिकारी लेंगे।

-जगदीश अरोरा ,उपायुक्त सम्पत्तिकर, नगर निगम

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